Friday, January 17, 2025
Samastipur

“समस्तीपुर का मौसम;अगले दो दिनों तक कुछ स्थानों पर हल्की बूंदा-बूंदी की भी है संभावना,चलेगी पछुआ और पूरबा हवा

समस्तीपुर भी मौसम!मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों तक पछुआ एवं पूरबा हवा चल सकती है। वहीं 17-21 फरवरी तक के मौसम पूर्वानुमान के अनुसार उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल आ सकते है। हालांकि मौसम के शुष्क रहने का अनुमान भी है। सारण, सिवान, गोपालगंज, पूर्वी तथा पश्चिमी चम्पारण के जिलों में 22 फरवरी के आसपास बूंदा बूंदी हो सकती है। इस पूर्वानुमानित की अवधि अधिकतम तापमान 27 से 30 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।

जबकि न्यूनतम 14 से 16 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकती है। अगले दो दिनों तक पछिया उसके बाद पुरवा हवा औसतन 5-6 कि.मी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने की सम्भावना है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 80 से 90 प्रतिशत तथा दोपहर में 65 से 75 प्रतिशत रहने की संभावना है। हालांकि पिछले तीन दिनों का औसत अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमशः 24.8 एवं 6.9 डिग्री सेल्सियस रहा। औसत सापेक्ष आर्द्रता 97 प्रतिशत सुबह में एवं दोपहर में 51 प्रतिशत, हवा की औसत गति 79 कि०मी० प्रति घंटा एवं दैनिक वाष्पन 2.8 मिमी) तथा सूर्य प्रकाश अवधि औसतन 8.5 घंटा प्रति दिन रिकार्ड किया गया तथा 5 से०मी० की गहराई पर भूमि का औसत तापमान सुबह में 124 एवं दोपहर में 281 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। इस अवधि में मौसम शुष्क रहा है। शुक्रवार का अधिकतम तापमान 26.0 डिग्री सेल्सियस सामान्य से 1.0 डिग्री अधिक है। वहीं न्यूनतम तापमान 13.0 डिग्री सेल्सियस रहा।

शुष्क मौसम की संभावना को देखते हुए किसान हल्दी एवं ओल की तैयार फसलों की खुदाई प्राथमिकता से कर लें। पिछात बोये गयी सरसों की फसल में लाही कीड़ों के प्रकोप का अनुकुल समय चल रहा है। इससे बचाव के लिए किसान दबा की छिड़काव कर सकते हैं।इस समय आम में मंजर आ रहा है। जो किसान आम में अभी तक कीटनाशक दवा का छिड़काव नहीं वे भी कर लें। वहीं गरमा मौसम की सब्जियों की बुआई के लिए जिन किसानों के खेत की तैयारी हो चुकी है। वे बुआई शुरू कर सकते है तथा जिन किसानों का खेत तैयार नहीं है वैसे किसान खेतों की तैयारी जल्दी करें।

अगले दो दिनों तक पछुआ एवं पूरबा हवा चल सकती है। कुछ स्थानों पर हल्की बूंदा बूंदी की संभावना बनी हुर्ह है। इस दौरान किसानों को दैनिक कृषि कार्य में सतर्क रहने की आवश्यकता है।- डॉ. ए सत्तार वरीय वैज्ञानिक सह नोडल पदाधिकारी (कृषि मौसम)

Kunal Gupta
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