मुजफ्फरपुर जंक्शन से 10412 क्विंटल लीची की रिकॉर्ड लोडिंग,भेजे गये बाहर
मुजफ्फरपुर जंक्शन ।सोनपुर।सोनपुर रेल मंडल, कृषि उपज व्यवसाय में महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रही है और मंडल के क्षेत्राधिकार के किसानों के कृषि उपज को देश के नये बाजारों तक पहुंचा कर, किसानों एवं व्यापारियों को उनके उपज का उचित मूल्य दिलाने में महत्वपूर्ण माध्यम बन रही है।
इस बार रेल प्रशासन द्वारा मुजफ्फरपुर जंक्शन से 09 मई से लीची ढुलाई सुनिश्चित करने के मद्देनजर आवश्यक व्यवस्था की गई थी l जिसके तहत बिना बिचौलिए के किसान एवं व्यापारी सीधे रेलवे बुकिंग काउंटर से लीची बुक करा कर अपने गंतव्य तक भेज सकते हैं। इस पहल से किसानों को कम किराया भुगतान कर लीची पवन एक्सप्रेस एवं अन्य ट्रेनों से लोकमान्य तिलक टर्मिनस एवं अन्य स्टेशनों को भेजा गया।
रेल प्रशासन के इस कदम का किसानों एवं छोटे व्यापारियों ने भरपूर फायदा उठाया ,जिसके परिणाम स्वरूप इस वर्ष सोनपुर मंडल में पहली बार रिकॉर्ड लीची ढुलाई की गई।
उल्लेखनीय है कि 18 मई से 14 जून तक वी पी (पार्सल वैन) द्वारा कुल 6102 क्विंटल लीची,लोकमान्य तिलक टर्मिनस स्टेशन भेजा गया, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 377 क्विंटल अधिक है , इससे रेलवे को 27 लाख 70 हजार 946 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ |
इसके अलावे 09 मई से 14 जून तक लूज पार्सल वैन द्वारा 4310 क्विंटल लीची अहमदाबाद, गुवाहाटी , अमृतसर , कानपुर, प्रयागराज, कोलकाता ,टाटा, दिल्ली ,भुसावल समेत कई स्टेशनों को भेजा गया, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 572 क्विंटल अधिक है, इससे रेलवे को 14 लाख 40 हजार 61 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ |
इस प्रकार मुजफ्फरपुर जंक्शन से अब तक 10412 क्विंटल का रिकॉर्ड ढुलाई हुई ,जिससे रेलवे को 42 लाख 11 हजार रुपए का राजस्व की प्राप्ति हुई | पिछले वर्ष मुजफ्फरपुर जंक्शन से कुल 9462 क्विंटल लीची की ढुलाई हुई थी ।
मंडल के इस उपलब्धि पर मंडल रेल प्रबंधक ने अवगत कराया कि इस बार लीची भेजने के इच्छुक व्यापारियों एवं किसानों की सुविधा के मद्देनजर मुजफ्फरपुर स्टेशन पर लदान हेतु व्यापक प्रबंध किए जाने के संदर्भ में लीची व्यापारियों एवं किसानों तथा रेल प्रशासन के बीच बैठक कर बेहतर समन्वय स्थापित किया गया था । जिससे इस वर्ष भारी मात्रा में लीची लदान हुई।
आगे उन्होंने बताया कि मंडल का यह प्रयास रहा है कि सामानों की ढुलाई में किसानों, बड़े व्यापारियों के साथ साथ छोटे व्यापारियों के हितों का भी ध्यान रखा जाए, जिससे किसी तरह की कोई भी परेशानी न हो।
इसके लिए मंडल के अधिकारियों द्वारा क्षेत्राधिकार के व्यापारियों के साथ समय समय पर बैठकें आयोजित करके समस्याओं के बारे में जानकारी ली जाती है तथा अगर कोई समस्या है तो उसका त्वरित समाधान किया जाता है।