155 फाइलेरिया मरीजों के बीच हुआ एमएमडीपी किट का वितरण,क्यूलेक्स मच्छरों के काटने से होता है फाइलेरिया
बेतिया, 30 मार्च। जिले में हाथी पांव (फाइलेरिया)के बढ़ते कदम को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से फाइलेरिया के रोगियों के बीच जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाता है। इस दौरान फाइलेरिया के रोगियों को हाथी पाँव की देखरेख करने के तरीके बताए जाते हैं। वहीं कैम्प लगाकर फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का निःशुल्क वितरण भी किया जाता है। यह कहना है पश्चिमी चंपारण के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्रा का। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि गुरुवार को बेतिया के राजदेवरी स्थित परिसर में 155 हाथी पाँव के मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया गया। वहीँ इस मौके पर मरीजों को रोग के बारे में विस्तार से जानकारी देकर जागरूक किया गया। फाइलेरिया इंचार्ज राजकुमार शर्मा, केयर इंडिया प्रतिनिधि श्यामसुंदर कुमार, धर्मेंद्र यादव, श्रीकांति देवी व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा रोगियों को पैर की सफाई की जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि, पैर को किसी भी जख्म से बचाना बेहद जरूरी होता है। केयर इंडिया प्रतिनिधि श्यामसुंदर कुमार ने बताया कि
इस किट में एक छोटा टब, मग, साबुन, एंटी सैप्टिक क्रीम, पट्टी इत्यादि सामान हैं। इसके सहयोग से फाइलेरिया मरीज होने वाले जख्म को ठीक कर सकते, जिससे उन्हें राहत मिलती है।
बचपन में ही होता है फाइलेरिया का संक्रमण:
डीभीडीसीओ डॉ हरेन्द्र कुमार ने बताया कि- फाइलेरिया को हाथीपाव भी कहा जाता है। जो क्यूलेक्स मच्छरों के जरिए मानव शरीर में दाखिल होते हैं। इसका संक्रमण अमूमन बचपन में होता और इससे लसिका प्रणाली या लिम्फेटिक सिस्टम को अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान पहुंचता है। उन्होंने बताया कि जिले के लोगों को फाइलेरिया (हाथी पांव) से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर अभियान चला कर सर्वजन दवा आशा कार्यकर्ताओं द्वारा खिलाई जाती है। साथ ही नाईट ब्लड सर्वे कार्यक्रम के दौरान रात में रक्त की जाँच कर फाइलेरिया के मरीजों की खोज की जाती है।