बिहार के इस छात्र ने एक बार फिर किया कमाल, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कर ली बराबरी..
बिहार.ऑनलाइन डेस्क, भागलपुर। बिहार भागलपुर के सत्यम मिश्रा का चयन यूएस इंडिया एजुकेशनल फाउंडेशन और यूएस डिपार्टमेंट आफ स्टेट टीचर्स एक्सचेंज ब्रांच की ओर से आयोजित फुलब्राइट स्कालरशिप के लिए हुआ है। यह स्कालरशिप अवार्ड प्रत्येक वर्ष भारत से चार और पूरी दुनिया से 40 लोगों को मिलता है। सत्यम ने कहा कि इस प्रतिष्ठित स्कालरशिप के लिए चयनित होना गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि अब वे (एक सेमेस्टर अगस्त 2023 से दिसंबर 2023) अमेरिका में टेक्नोलाजी इन एजुकेशन, मास लेवल लिटरेसी, एजुकेशन पालिसी आदि विषय पर शोध करेंगे। इसके लिए उन्हें अमेरिका जाने का अवसर मिलेगा। इस दौरान साढ़े चार माह तक यात्रा, रहने, खाने सहित सभी खर्च यूएस सरकार उठाएगी।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कर ली बराबरी
सत्यम ने कहा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का भी चयन छात्र जीवन के दौरान फुलब्राइट स्कालरशिप के लिए हुआ था। ऋषि सुनक को वर्ष 2005 में अमेरिका के स्पैनफोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए फुलब्राइट स्कालरशिप दिया गया था। सत्यम ने भी इस स्कालरशिप पाकर ऋषि सुनक की बराबरी कर ली। भागलपुर के लोग इससे काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
फुलब्राइट स्कालरशिप
अलग-अलग क्षेत्र के लोगों को फुलब्राइट स्कालरशिप दिया जाता है। सत्यम का चयन शिक्षा के क्षेत्र में हुआ है। उन्होंने कहा कि शोध के बाद वे अपने देश में शिक्षा का प्रचार-प्रसार करेंगे। खास कर शिक्षा में नई तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास करेंगे। सत्यम बिहार के पहले ऐसे शिक्षक हैं, जिनका चयन फुलब्राइट स्कालरशिप के लिए हुआ है। उन्होंने कहा कि वे अब भी प्रतिदिन पांच घंटे सेल्फ स्टडी करते हैं। सत्यम जब भी भागलपुर आते हैं, उनके घर पर दर्जनों बच्चे पहुंच जाते हैं। गणित, विज्ञान सहित अन्य विषयों के बारे में कई टिप्स सीखते हैं। बच्चों को पढ़ाने का अंदाज उनका काफी रोचक है।
जानिए कौन हैं सत्यम मिश्रा
सत्यम मिश्रा इंजीनियर हैं। शिक्षक हैं। सूचना प्राद्योगिकी में इन्होंने स्नातक (बेचलर ऑफ इंजिनयरिंग) किया है। वे आदिवासी लड़कियों को शिक्षित करने की मुहिम चला रहे हैं। भागलपुर के गोखला मिशन में पढ़ाते हैं, जहां लगभग 80 प्रतिशत बच्चे एससी, एसटी समुदाय के हैं। इन सभी बच्चों को वे नि:शुल्क शिक्षा देते हैं। सत्यम मिश्रा टीच फॉर ऑल में नौकरी करते हैं, जहां से इन्हें सैलरी मिलती है। यह अंतरराष्ट्रीय एनजीओ 61 देशों में काम करता है।
प्रारंभिक जीवन
सत्यम मिश्रा की 12वीं तक की शिक्षा माउंट असीसि स्कूल भागलपुर में हुई। मणिपाल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी कर्नाटक से इन्होंने बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग किया। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट अहमदाबाद से इन्होंने इंटर्नशिप किया। इसके बाद उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम किया है। भारत के अलावा, इन्होंने 14 अन्य देशों में काम किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मानव अधिकार है, यह प्रीविलेज (विशेषाधिकार) नहीं है। सत्यम मिश्रा पूर्वोत्तर भारत के पहले शिक्षे, जिनका चयन 2021 में यूनेस्को ग्लोबल टीचर प्राइज के लिए टॉप 50 में हुआ था।
पारिवारिक परिचय
सत्यम के दादा स्व. निशिकांत मिश्र स्वतंत्रता सेनानी थे। सत्यम के जीवन पर उनके दादा का काफी प्रभाव पड़ा है। पिता डॉ रविकांत मिश्र जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पैथोलाजी विभाग के विभागाध्यक्ष रहे। मां विभा मिश्रा गृहिणी हैं। उनके बड़े भाई सिद्धार्थ यूएस में आइटी कंपनी में नौकरी करते हैं। उनके छोटे चाचा राजीव कांत मिश्र जाने-माने शिक्षाविद हैं। बड़े चाचा उदय कांत मिश्र पटना में सरकारी विभाग में नौकरी करते हैं। सत्यम मूलत: बिहार के भागलपुर के रहने वाले हैं। 31 वर्षीय सत्यम ने पूरे भारत का भ्रमण कर लिया है।