“बिहार के 12 जिलों में घने कोहरे का अलर्ट:अगले 3 दिनों तक शीतलहर जैसी स्थिति;मिलेगी राहत
पटना.बिहार में बर्फीली पछुआ हवा चल रही है। इस कारण लोगों को अधिक ठंड महसूस हो रही है। अगले तीन दिनों तक ठंड से राहत मिलने की संभावना नहीं है। इस दौरान न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की जा सकती है।मौसम विज्ञान केंद्र ने बिहार के 12 जिलों में घने कोहरे का अलर्ट जारी किया है। बाकी 26 जिलों में मौसम सामान्य रहेगा। हालांकि, प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में मध्यम से तेज पछुआ हवा चलेगी।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 20 जनवरी तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में कोल्ड-डे जैसी स्थिति बनने की संभावना है। 26 जनवरी से मौसम में बदलाव आएगा और लोगों को ठंड से राहत मिलने की संभावना है।
पटना में आज कैसा रहेगा मौसम
पटना में आज मौसम सामान्य रहेगा। सुबह के समय हल्का कोहरा छाया रहेगा। दिन चढ़ते धूप निकल सकती है। दिन में हवा की रफ्तार कम रहेगी, जिससे लोगों को कनकनी कम महसूस होगी।
पटना में शनिवार को सुबह कोहरे के बाद धूप निकली। पटना का अधिकतम तापमान 2.7 डिग्री बढ़कर 23.3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। वहीं, न्यूनतम तापमान 12.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
पटना का न्यूनतम पारा 9.2 डिग्री तक गिरा, पिछले साल 5.5 डिग्री तक गया था
राज्य में जनवरी में चार दिनों को छोड़ दिया जाए तो ठंड की स्थिति अमूमन ऐसी ही रही, शीत लहर अब तक नहीं आया है। इस साल 2 जनवरी को डेहरी, बांका, वैशाली में कोल्ड डे रहा। 2 जनवरी को डेहरी और बांका में 4.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।16 जनवरी को छपरा और डेहरी में कोल्ड डे रहा। पटना का न्यूनतम तापमान 3 जनवरी को 9.2 डिग्री ही रहा। पिछले साल 22 जनवरी को पटना में सबसे कम तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
दिसंबर और जनवरी में 4 एमएम तक बारिश होनी चाहिए, लेकिन इस साल 99 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
पिछले 24 घंटे में मधुबनी सबसे गर्म जिला रहा। यहां का अधिकतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। मौसम विभाग की ओर 10 जिलों के आंकड़े जारी किए गए हैं।पिछले 24 घंटे के दौरान रोहतास सबसे ठंडा रहा। यहां का न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। मौसम विभाग की ओर 10 जिलों के आंकड़े जारी किए गए हैं।
बच्चों में कोल्ड डायरिया की शिकायत
ठंड के कारण बच्चों और बुजुर्गों में समस्या बढ़ गई है। बच्चों में वायरल इन्फेक्शन के कारण निमोनिया, कोल्ड डायरिया, सर्दी-खांसी, बुखार, ब्रोंकियोलाइटिस के अलावा सांस फूलने की शिकायतें बढ़ गई है। एक साल से कम उम्र के बच्चे ज्यादा बीमार पड़ रहे हैं।PMCH में शिशु रोग विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. निगम प्रकाश नारायण ने बताया कि ‘प्रदूषण की वजह से बच्चों में सांस फूलने की समस्या है। दम फूलने की वजह से बच्चे दूध नहीं पी पा रहे हैं। अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है। नस के जरिए उन्हें भोजन दिया जा रहा है। ओपीडी में आने वाले बीमार बच्चों में से 25 फीसदी को सांस लेने में दिक्कत है। सही इलाज के बाद 4 से 5 दिनों में बच्चे ठीक भी हो रहे हैं।