दलसिंहसराय की बेटी निधि ने किया कमाल,मां के सहयोग से निधि के कंधे पर सजा सितारा, बनी दरोगा
दलसिंहसराय :अंगद कुमार सिंह. वर्ष 1995 में जन्मी निधि के पिता की मौत महज एक वर्ष बाद ही हो गई । बचपन में ही पिता को खो चुकी निधि आज बिहार में दरोगा है । पिता राजू झा की मौत के बाद घर में विपत्ति का पहाड़ लुट चुका था । घर में एक बड़ी बहन थी निक्की कुमारी वह भी मजह तीन साल की थी । मां रानी कुमारी सरकारी अस्पताल एएनएम थी । पिता की मौत के बाद निधि अपनी बड़ी बहन निक्की कुमारी के साथ विभूतिपुर के कल्याणपुर में नानी के घर रह कर आर्थिक तंगी से गुजरते हुए दसवीं की परीक्षा पास कर ली । इसके बाद मां और बहन के साथ शहर के भगवानपुर चकशेखू में एक किराए का मकान लेकर रहने लगी । निधि बचपन से ही लगनशील थी। कुछ कर गुजरने की उसकी तमन्ना थी। जिस तमन्ना को उसने अपना मुकाम बना लिया । कड़ी मेहनत के बदौलत निधि ने वर्ष 2018 में बिहार दरोगा की परीक्षा पास कर बनी दरोगा। इसी लिए तो कहते निधि झा ने विषम परिस्थितियों में भी एक लाडो बिटिया बनकर मां और समाज का नाम रौशन कर रही है । लेकिन यह सिर्फ एक कहानी भर नहीं है ।
पिता की दो लाडो बिटिया , कोई भाई नहीं ,लेकिन पिता को बचपन में खो चुकी निधि ने मां को हर परस्थिति जूझने की कला सिख रही थी। मां को एक बेटे की कमी को भी देख रही थी।लेकिन उस कमी को अपने बुलंद हौसले से पूरा कर निधि बेटी होते हुए भी बेटे का हक अदा कर रही है । यह एक कहानी भर नहीं, बेटियों की ऊर्जा, परिवार के प्रति समर्पण और हर लक्ष्य को पा लेने की दृढ़ इच्छाशक्ति भी, जिससे गौरवान्वित होता है परिवार। निधि आज बिहार पुलिस में दारोगा की वर्दी पहन कानून की रक्षक बनी हुई हैं। निधि आज पटना के डाक बंगला चौराहा पर ट्रैफिक थाने में पोस्टेड है ।
पिता की मौत के बाद बदल गया था घर की परस्थिति ,नानी के घर रहकर पूरी का प्रारंभिक शिक्षा
एक साल की नन्हीं उम्र में पिता को खो चुकी निधि ने आज दरोगा बनकर एक मुकाम तो हासिल कर ली । लेकिन पिता की मौत के बाद मां रानी की कंधों पर दो बोटियों की जिम्मेदारी आ गई । मां ने अपनी एएनएम की नौकरी के साथ दो बेटी की परवरिश को लेकर अपने मायका विभूतिपुर प्रखंड के कल्याणपुर चली आई। वही से निधि ने अपनी स्कूली पूरी की । इसी दौरान मां ने दोनों बेटी को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए दलसिंहसराय में एक किराए का मकान लेकर दोनों बेटी की उच्च शिक्षा दिलाना शुरू कर दी । इसी बीच निधि के बड़ी बहन की शादी हो गई। लेकिन मां निधि ने मां को बार बार बेटे की कमी और आगे की जीवन की चिंता देख निधि ने बेटे जैसे ही सब कुछ करने की इच्छा शक्ति से पढ़ाई में जुट गई।
निधि कहती है कि दलसिंहसराय शहर में संजीव कुमार संजू सर के साथ कई शिक्षकों को भरपूर सहयोग मिला । जिसके बाद में बिहार दरोगा की परीक्षा पास कर सब इंस्पेक्टर बनी । जिससे मां को बेटे की कमी महसूस नहीं हो । नौकरी के बाद मेरी शादी दलसिंहसराय के पास आसींचक निवासी सब इंस्पेक्टर अमरजीत पाठक से मेरी शादी हुई। मेरी भी दिल्ली इच्छा से पास के गांव में रहेंगे तो मां का भी भरपूर सहयोग कर सकेंगे दोनो मिलकर ।