“अरे बाप रे;10 करोड़ का भैंसा पहुंची बिहार,देख कर रह जाएगे दंग,दादा की भी कीमत 15 करोड़
पटना। शहर के वेटनरी ग्राउंड में डेयरी एंड कैटल एक्सपो लगा है। जिसमें पूरे देश के डेयरी से जुड़े किसान पहुंचे हैं। इस एक्सपो में 10 करोड़ का भैंसा गोलू-2 भी पहुंचा है। मुर्रा नस्ल के इस भैंस को कई अवार्ड भी मिल चुका है। गोलू-2 के दादा की भी कीमत 15 करोड़ थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी भैंसे से मिलकर काफी खुश नजर आए। भैंसे का सीमन बेचकर मलिक 1 महीने में 10 लाख रुपए कमाता है। भैंसे के मालिक नरेंद्र सिंह को पद्मश्री मिल चुका है।
अपने दादा के रास्ते पर चल रहा गोलू-2
गोलू-2 को हरियाणा के पानीपत से लाया गया है। 10 करोड़ के इस भैंस की लंबाई लगभग 15 फीट है। इसकी करीब ऊंचाई साढ़े पांच फीट और चौड़ाई पौने चार फीट है। इसकी उम्र 6 साल है। भैंसा के मालिक ने बताया कि यह सबसे अमल भैंसा कहलाता है, क्योंकि यह कई बार का चैंपियन है। इसका दादा गोलू-1 भी वर्ल्ड चैंपियन था। अपने दादा के कदमों पर यह चल रहा है। हरियाणा ही नहीं पूरे भारत में कहीं भी जाता है तो यह फर्स्ट पोजिशन हासिल करता है। दादा की कीमत भी हमने 15 करोड़ रखी थी, लेकिन कभी बेचा नहीं।
पैसे के साथ भैंसे ने दिलाई है इज्जत
मालिक ने बताया की मुझे इस भैंसे ने जो दिया है वह अपने बच्चे भी नहीं दे सकते। पैसा तो दिया ही है साथ ही इज्जत भी इतनी दी है कि कहीं पर भी जाते हैं तो इसको देखने के लिए भीड़ लग जाती है। इस भैंस को सबसे ज्यादा खाने में दूध, सेब और चने पसंद है। ये एक बार में 5 लीटर दूध पीता है। एक आम पशु जितना खाता है यह भी उतना ही खाता है केवल दूध औरों से अधिक पीता है।
जानिए क्या हुआ जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मिले
मालिक नरेंद्र सिंह ने बताया कि बिहार की सरकार ने मुझे यहां इनवाइट किया है। नीतीश कुमार ने भैंसे को देखकर कहा कि काफी सुंदर लग रहा है और मैं पहली बार इतना विशाल भैंसा देखा हूं। उन्होंने कहा है कि आगे भी बिहार में ऐसे मेले लगेंगे और हरियाणा से भैंसों को बुलाएंगे ताकि यहां के लोग भी ऐसा काम कर सके। उन्होंने सीमन के बारे में पूछा कि यहां के भैंसों को कैसे दी जाएगी तो हमने बताया कि हम लेकर आए हैं और इनको कैसे देना है वह हम किसानों को बता देंगे।
भैंसे के सीमन से होती हैं महीने में 10 लाख रुपए की कमाई
मालिक की मुख्य कमाई इसके सीमन को बेचकर होती है। हर महीने गोलू-2 के सीमन बेचने से करीब 8 से 10 लख रुपए की कमाई होती है। इसकी सीमन की कीमत 300 रुपए रखी गई है ताकि सभी आम पशुपालक भी इसको खरीद सके। नरेंद्र सिंह को भैंसे की ऐसी नस्ल पालने और अन्य किसानों को प्रेरित करने के लिए भारत सरकार के तरफ से पद्मश्री का अवार्ड भी दिया गया है।
कोई भी किसान अगर इस नस्ल की प्रजाति को अपनाना चाहता है या बिहार में भी ऐसी नस्ल का पशुपालन करना चाहता है तो इसके सीमन का इस्तेमाल कर सकता है। नरेंद्र सिंह के अनुसार गोलू-2 के सीमन से अब तक हजारों भैंसों का जन्म हो चुका है।