“चिराग का सिंगापुर में जलवा,किया गया सम्मानित, नीतीश कुमार पर बोले,खराब नीतियों से बिहार बदहाल
patna;चिराग पासवान का सिंगापुर में भी जलवा दिखा ।उन्हे सम्मानित किया गया ।जमुई सांसद और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग ने मुख्यमंत्री पर जाती के नाम पर लोगों को बांटने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि उनके सरकार की खराब नीतियों की वजह से बिहार का हाल बदहाल है। दरअसल, चिराग पासवान तीन दिनों के सिंगापुर दौरे पर हैं। शनिवार को वहां वो बिहार इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (BITO) के तरफ से आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। चिराग ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में देखें तो बिहार में अपार संभावनाएं हैं। कई ऐसे कृषि उत्पाद हैं, जिनके अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अच्छी कीमत मिल सकती हैं। बावजूद सुविधा और बाजार के अभाव में किसानों को उनका वाजिब लागत मूल्य नहीं मिल पाता है। पर राज्य सरकार का ध्यान इस पर नहीं है। वो सिर्फ लोगों को दलित-महादलित और अगड़े-पिछड़े में बांटने में लगी है।
अपमानित हो रहे हैं बिहारी
बिहार सरकार के उपर चिराग ने सिंगापुर में एक और गंभीर आरोप लगाया है। कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा कि नीतीश सरकार की गलत नीतियों के कारण आज बिहार पूरे देश ही नहीं बल्कि विश्व में शर्मसार हो रहा है। आज बिहारी को बिहार से बाहर अपमानित होना पड़ रहा है। जाती में बांटने से ज्यादा अच्छा है कि हमें बिहारी होने पर गर्व होना चाहिए। बिहार का एक स्वर्णिम इतिहास रहा है। देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय की चर्चा होती रही है। जिसके माध्यम से बिहार राज्य ने पूरे विश्व में शिक्षा का सबसे पहले अलख जगाया था। बिहार गणतंत्र की धरती रही है, सबसे पहले गणतंत्र के लिए आज भी बिहार के वैशाली को याद किया जाता है।
बिहार के विकास के लिए आगे आने की अपील
मौके पर चिराग पासवान ने कहा कि 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी का अकेले लड़ना बिहार के स्वाभिमान के लिए जरूरी था। जातीय समीकरण के आधार पर राज्य में सरकार तो बना ली गई। लेकिन, बिहार की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। आगे बढ़ने की जगह बिहार पिछड़ता जा रहा है। इसलिए चिराग ने बिहार के समावेशी विकास और बदलाव के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आगे आने की अपील की है। कहा कि बिहार में जब तक आर्थिक विकास को लेकर उद्योग, आधारभूत संरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि को विकसित नहीं किया जाएगा। तब तक बिहार का विकास संभव नहीं है।