Friday, June 6, 2025
Patna

सड़कें होंगी गड्ढा मुक्त,बिहार में 21652 करोड़ की लागत से सड़कों और पुलों का होगा कायाकल्प

 

Bihar News: पटना.बिहार में ग्रामीण सड़कों के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम अंतर्गत प्रदेश की 13 हजार 943 किमी ग्रामीण सड़कों का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा, जिनकी कुल लंबाई लगभग 24 हजार 414 किमी होगी. इन सड़कों के साथ-साथ कुल 51 पुलों का भी सुदृढ़ीकरण किया जाना प्रस्तावित है. 31 मार्च 2024 तक ये ऐसे पथ हैं, जो पंचवर्षीय रूटिन अनुरक्षण अवधि से बाहर हो चुके हैं.

इन्हें जून तक पॉटलेस (गड्ढा मुक्त) करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके बाद वित्तीय वर्ष 2025-26 में इन सभी सड़कों की सतह को सुदृढ़ किया जाएगा, जिससे इनकी गुणवत्ता और स्थायित्व में उल्लेखनीय वृद्धि होगी. इस समग्र परियोजना पर अनुमानित 21,652 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी. यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना का ही एक विस्तारित रूप है, जिसे मंत्री परिषद द्वारा 14 नवंबर 2024 को स्वीकृति प्रदान की थी.

इन प्रमंडलों के सड़कों की होगी मरम्मति
तिरहुत प्रमंडल में मुजफ्फरपुर (742 पथ, 1243 किमी), पूर्वी चंपारण (656 पथ, 957 किमी), पश्चिमी चंपारण (335 पथ, 557 किमी), वैशाली (507 पथ, 744 किमी), सीतामढ़ी (244 पथ, 319 किमी) और शिवहर (88 पथ, 131 किमी).
सारण प्रमंडल में सारण (515 पथ, 789 किमी), सिवान (514 पथ, 754 किमी), गोपालगंज (284 पथ, 630 किमी).
पूर्णियां प्रमंडल में पूर्णियां (365 पथ, 693 किमी), कटिहार (335 पथ, 617 किमी), अररिया (327 पथ, 764 किमी), किशनगंज (233 पथ, 350 किमी).
भागलपुर प्रमंडल में बांका (395 पथ, 825 किमी), भागलपुर (337 पथ, 469 किमी).
मगध प्रमंडल में गया (719 पथ, 1401 किमी), औरंगाबाद (581 पथ, 1266 किमी), नवादा (449 पथ, 683 किमी), जहानाबाद (188 पथ, 309 किमी), अरवल (131 पथ, 168 किमी).
दरभंगा प्रमंडल में समस्तीपुर (855 पथ, 1377 किमी), मधुबनी (844 पथ, 1536 किमी), दरभंगा (474 पथ, 728 किमी).
कोसी प्रमंडल में सुपौल (287 पथ, 468 किमी), सहरसा (222 पथ, 395 किमी), मधेपुरा (161 पथ, 347 किमी).
मुंगेर प्रमंडल में जमुई (199 पथ, 578 किमी), बेगूसराय (241 पथ, 371 किमी), खगड़िया (170 पथ, 202 किमी), शेखपुरा (128 पथ, 175 किमी), मुंगेर (129 पथ, 157 किमी), लखीसराय (106 पथ, 191 किमी).

मजबूती और गुणवत्ता पर जोर
कार्यक्रम अंतर्गत सभी पथों का 7 वर्षों में दो बार कालीकरण किया जाएगा. प्रथम कालीकरण के पश्चात् चार वर्ष के बाद फिर से कालीकरण किया जाएगा, जिससे सतह अधिक मजबूत बनी रहे और राइडिंग क्वालिटी में कोई कमी न आए. ठेकेदारों को ‘रूरल रोड रिपेयर व्हीकल’ रखने का निर्देश दिया गया है.

ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि यह कार्यक्रम बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी को सुगम और सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक अच्छी पहल है. इसके माध्यम से न केवल आवागमन की सुगमता सुनिश्चित होगी, बल्कि कृषि, स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसी आवश्यक सेवाओं तक ग्रामीण आबादी की पहुंच भी सुलभ हो सकेगी.

Pargati Rani

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