नागपुर में औरंगजेब कब्र विवाद-हिंसा के बाद कर्फ्यू: पथराव-आगजनी के पीछे जाने पूरा सच
नागपुर के महाल इलाके में सोमवार शाम 7:30 बजे हिंसा भड़क गई। इसके बाद पथराव और तोड़-फोड़ शुरू हो गई।औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर सोमवार को महाराष्ट्र में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान नागपुर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने गोबर के कंडों से भरा एक हरे रंग का कपड़ा जला दिया। VHP के मुताबिक, ये औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र थी।
इस घटना का वीडियो वायरल हो गया। देर शाम 7:30 बजे नागपुर के महाल इलाके में हिंसा भड़क गई। इसके बाद पथराव और तोड़फोड़ शुरू हो गई। उपद्रवियों ने घरों पर पथराव किया और सड़क पर खड़े दर्जनों वाहनों में तोड़फोड़-आगजनी की।
पुलिस पर भी हमला किया गया। DCP निकेतन कदम कुल्हाड़ी के हमले से घायल हो गए। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। रात 10.30 बजे से 11.30 बजे के बीच ओल्ड भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में एक और झड़प हुई।मंगलवार को सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में बताया कि नागपुर हिंसा को लेकर 5 FIR दर्ज की गई है। वहीं, 31 पुलिसकर्मी और 7 नागरिक घायल हुए हैं।
पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने बताया कि 11 इलाकों कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर में में कर्फ्यू लगाया गया है।महाराष्ट्र के मंत्री योगेश कदम ने मंगलवार को बताया कि 47 लोगों को हिरासत में लिया गया है। 12 से 14 पुलिस कर्मियों को चोटें आई हैं, 2-3 नागरिक भी घायल हैं। हिंसा के कारणों की जांच की जा रही है।
हिंसा के बाद शहर के गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर में कर्फ्यू लगाया गया है। इसके अलावा मुंबई में भी पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
CM खुद नागपुर से विधायक
CM देवेंद्र फडणवीस ने देर रात कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के साथ बैठक की। इसके बाद बावनकुले नागपुर के लिए रवाना हो गए। CM ने उन्हें घटना पर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। बावनकुले नागपुर के संरक्षक मंत्री हैं। फडणवीस भी नागपुर के दक्षिण-पश्चिम सीट से विधायक हैं।
औरंगजेब की कब्र पर सुरक्षा बढ़ाई गई
हिंसा के बाद छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) में औरंगजेब की कब्र पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। SP ने बताया कि जिले में SRPF की एक कंपनी और दो प्लाटून तैनात किए गए हैं। संवेदनशील इलाकों में पुलिस मार्च कर रही है।
शिंदे बोले- हिंसा एक प्लानिंग के तहत की गई
शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत: नागपुर में हिंसा होने का कोई कारण नहीं है। यह वह जगह है, जहां आरएसएस का मुख्यालय है। यह देवेंद्र फडणवीस का निर्वाचन क्षेत्र भी है। हिंदुओं को डराने, अपने ही लोगों से उन पर हमला करवाने और फिर उन्हें भड़काकर दंगों में शामिल करने का यह एक नया पैटर्न है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान: BJP के कुछ लोग लगातार नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं और इस तरह के मुद्दों को उठाकर जनता का ध्यान असली समस्याओं से भटकाया जा रहा है।
बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती: महाराष्ट्र में किसी की कब्र को नुकसान पहुंचाना उचित नहीं है, क्योंकि इससे आपसी भाईचारा खराब हो रहा है।
औरंगजेब पर कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद…
सपा विधायक बोले- औरंगजेब क्रूर शासक नहीं
पूरा विवाद महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी के बयान से शुरू हुआ। उन्होंने 3 मार्च को कहा- हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू-मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता।आरोप लगे कि आजमी ने शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज पर अपमानजनक टिप्पणी की। विवाद बढ़ने पर आजमी ने 4 मार्च को अपना बयान वापस ले लिया। उन्होंने कहा- ‘मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। फिर भी मेरी बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं।’
आजमी पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड
महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। अबू आजमी के बाद उन्हें पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा के अंदर उनके बयान की निंदा की। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए।
मामला यहीं नहीं रुका उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी UP विधानसभा में बजट सत्र के दौरान आजमी के बयान की आलोचना की उन्होंने कहा- भारत की आस्था को रौंदने वाले का महिमामंडन करने वाले सदस्य को सपा से बाहर निकाल देना चाहिए। उसे (अबू आजमी) यहां बुलाइए। UP ऐसे लोगों का उपचार करने में देर नहीं करता।
1707 में बनी थी औरंगजेब की कब्र
मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र छत्रपति संभाजीनगर से 25 किमी दूर खुल्दाबाद में है। इतिहासकारों के मुताबिक, 1707 में जब औरंगजेब की मौत के बाद बादशाह की इच्छा के अनुसार उसे खुल्दाबाद में उसके आध्यात्मिक गुरु शेख जैनुद्दीन की दरगाह के पास दफनाया गया।औरंगजेब की कब्र साधारण मिट्टी की बनी हुई थी, जिसमें बाद में ब्रिटिश वायसरॉय कर्जन ने संगमरमर लगवाया था। इस स्थान को ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां लोग आज भी श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं।
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