“समस्तीपुर:मेरा प्रखंड मेरा गौरव प्रतियोगिता में जिले के 9 पर्यटन स्थल चयनित,मिलेगा पुरस्कार,दलसिंहसराय का..
समस्तीपुर.राज्य सरकार द्वारा मेरा प्रखंड, मेरा गौरव प्रतियोगिता के माध्यम से नये पर्यटन स्थलों के विकास की जो नई पहल शुरू की गई थी। उसका परिणाम घोषित कर दिया गया है। इसमें समस्तीपुर जिले के रोसड़ा सोनूपुर स्थित प्रसिद्ध सरस्वती मंदिर सहित 9 प्रखंड के धरोहरों का चयन किया गया है। इन सभी धरोहरों को शुक्रवार को पटना में पुरस्कृत किया जाएगा।
इसमें सरायरंजन के बरबटटा देवी पट्टी, मोहिउद्दीन नगर के तेतारपुर,पूसा में वैनी, बिथान का सीएचसी, विभूतिपुर के कल्याणपुर उत्तर स्थित दैता पोखर, पटोरी का दक्षिणी धमौन, मोहनपुर का बाबा हरि स्थान माधोपुर, रोसड़ा के ममता वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा संचालित सरस्वती मंदिर सोनूपुर एवं विद्यापतिनगर का बढ़ौना गांव को पुरस्कृत किया जाएगा। बता दें कि योजना में आमजनों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये फोटो और वीडियो प्रतियोगिता भी की गई थी।
वही दलसिंहसराय का एक भी स्थल नहीं होने के कारण लोगो में मायूसी है. क्योंकि दलसिंहसराय में पांडव स्थल हो या बसढ़िया का काली मंदिर या शहर में स्थित मनोकामना मंदिर काफी नामी है.
बिहार सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा शुरू की गयी प्रतियोगिता ‘मेरा प्रखंड, मेरा गौरव का मूल उद्देश्य है जिले के वैसे पर्यटन स्थलों को चिह्नित करना है जो अब तक पर्यटन की दृष्टि से ओझल हैं। प्रतियोगिता पूरी तरह से ऑनलाइन आयोजित की गई थी।प्रत्येक प्रखंड से एक प्रतिभागी अपने प्रखंड के अंदर किसी ऐसे स्थल की पहचान करके उसे अपलोड किए जो अब तक अनदेखा रहा है और वह स्थल पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण हो सकता है। प्रतियोगिता के लिए प्रतिभागी द्वारा चयनित पर्यटन स्थल की अच्छी गुणवत्ता का फोटो और वीडियो अपलोड किया गया ताकि स्थल की विशेषताएं स्पष्ट रूप से दिख सके। प्रतियोगिता में चार श्रेणियों के लिए चयनित स्थलों को पुरस्कार मिलेगा।
मेरा प्रखंड मेरा गौरव प्रतियोगिता में चयनित प्रविष्टियों को पुरस्कृत किया जाएगा। इसमें प्रतियोगिता में पहले तीन स्थानों पर आने वाले प्रतिभागियों को क्रमशः 50,000 रुपये, 45,000 रुपये, और 35,000 रुपए का इनाम दिया मिलेगा। इसके अलावा, उन्हें प्रशस्ति पत्र भी दिया जाएगा। वहीं विभाग के वेबसाईट पर पोस्ट किया जाएगा।शेष 10 को सांत्वना पुरस्कार दिया जायेगा। 10 प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार के रूप में 20 हजार रुपये व प्रशस्ति पत्र दिया जायेगा।