Friday, January 24, 2025
DalsinghsaraiSamastipur

“दलसिंहसराय में भीषण ठंड में घंटों पसीना बहा रहीं बेटियां, बिहार पुलिस की लिखित परीक्षा पास कर चुकी

दलसिंहसराय.पुरुषोत्तम कुमार |दलसिंहसराय.भीषण ठंड में कांस्टेबल बनने के जिद में मैदान में रोज घंटों पसीना बहा रहीं हैं बेटियां। दलसिंहसराय की बेटियां इन दिनों हर सुबह अनुमंडल मुख्यालय के आर बी कॉलेज मैदान , बाजार समिति मैदान, सी एच स्कूल में पसीना बहा रही हैं। ये बेटियां उन लोगों के लिए प्रेरणा हैं जो सिर्फ ख्वाब देखते हैं, लेकिन उसे साकार करने के लिए मेहनत नहीं करते। जिले की सैकड़ों लड़कियों ने अपने ख्वाब को सच कर दिखाया है, और अभी भी कई और अपने भविष्य की नई इबारत लिखने में जुटी हैं।

उनका एकमात्र उद्देश्य है, हर हाल में पुलिस कांस्टेबल बनकर सरकारी नौकरी हासिल करना। अनुमंडल की ये बेटियां महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुकी हैं। उनका लक्ष्य न केवल बिहार पुलिस में भर्ती होना है, बल्कि अपराध के खिलाफ लड़ाई लड़ना और समाज में बदलाव लाना भी है। हर सुबह कॉलेज के मैदान में पसीना बहाती ये लड़कियां एक बेहतर और सुरक्षित समाज की कल्पना को साकार करने में जुटी हैं। जब देश और प्रदेश में महिला उत्पीड़न की घटनाएं सुर्खियों में हैं, तो ये बेटियां इस स्थिति को बदलने का दृढ़ संकल्प लेकर मैदान में उतर रही हैं। यह बेटियां अनुमंडल के गांव से निकलकर सुबह-शाम ठंड में फिजिकल परीक्षा पास करने के लिए मैदान पहुंच रही हैं। वही कुछ बेटियों के पिता उनको बाईक से लेकर मैदान आते ताकि उनकी बेटियां अच्छा कर सके।

वर्दी पहनने का सपना, मेहनत रंग लाएगी दलसिंहसराय की इन बेटियों का एक ही सपना है, पुलिस की वर्दी पहनना। वे यह मानती हैं कि मेहनत रंग लाएगी और उनका सपना जरूर पूरा होगा। उन्होंने अपने संघर्ष और कड़ी मेहनत से यह साबित कर दिया है कि जब इरादे मजबूत हों तो कोई भी बाधा रास्ते का रोड़ा नहीं बन सकती। उनका यह संकल्प और समर्पण निश्चित रूप से उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचाएगा।

यहां आने वाली लड़कियां केवल अपने सपने को लेकर नहीं बल्कि अपने संघर्ष और साहस को भी मैदान में ला रही हैं। बुधवार की सुबह, एक अभ्यर्थी मैदान में लंगड़ाते हुए पहुंची।

उसके पैर में जख्म था, फिर भी उसने कहा कि दर्द सहने की आदत हो गई है, नौकरी मिल जाएगी तो सब कुछ सार्थक हो जायेगी। बम्बईया हर लाल की नंदनी ,टभका की अंकिता कुमारी, मध्यपुर की मनिशा, कोनेला,की कोमल कुमारी, रसीदपुर की सोनल, दलसिंहसराय की आरती, बसढिया की प्रियंका सहित एक सौ बेटियां विगत तीन महीने से अपनी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पसीना बहा रही है इसी तरह एक अन्य अभ्यर्थी के घुटने में चोट थी, लेकिन उसने कहा कि दर्द के बावजूद मैं प्रैक्टिस नहीं छोड़ेंगी। यह जज्बा बताता है कि कैसे ये बेटियां हर चुनौती से लड़कर अपने सपनों को पूरा करने में जुटी हैं।

आत्मविश्वास और समर्पण की जीत कॉलेज के मैदान में हर सुबह करीब 100 से अधिक लड़कियां आती हैं, जो बिहार पुलिस की लिखित परीक्षा पास कर चुकी हैं और अब शारीरिक परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। इनकी मेहनत और समर्पण हर किसी को प्रेरित करता है। उनका मानना है कि पुलिस बल में महिलाओं की संख्या बढ़ने से महिला उत्पीड़न की घटनाएं कम होंगी और समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।

Kunal Gupta

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