Friday, November 29, 2024
Patna

पुरुष नसबंदी को लेकर फैले भ्रम को तोड़ चंदन ने दिया सकारात्मक संदेश

पुरुष नसबंदी को लेकर फैले भ्रम को तोड़ चंदन ने दिया सकारात्मक संदेश

पटना.सासाराम/ नवंबर। पुरुष नसबंदी को लेकर लोगों में फैले भ्रम को लेकर सरकार लगातार जन समुदाय के बीच जागरूकता अभियान चला रही है। इसमें सरकार को सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहें है। जन जागरूकता माध्यम से कई जिलों में पुरुष नसबंदी में बेहतर परिणाम देखने को मिल रहें है। इधर रोहतास जिले में भी पुरुष नसबंदी में सकारात्मक परिमाण देखने को मिल रहे हैं। परिवार नियोजन सलाहकार के साथ जिला स्वास्थ्य समिति के अथक प्रयास से पुरुष नसबंदी के लिए आगे आ रहे है। उन्हीं में से एक है नौहट्टा प्रखंड के नौहट्टा निवासी 38 वर्षीय चंदन कुमार। चार वर्ष पूर्व नसबंदी कर चुके चंदन प्रसाद खुद तो नसबंदी कराया ही साथ ही अन्य पुरुषों का नसबंदी करावा कर अपने गांव में अन्य लोगों के बीच पुरुष नसबंदी को लेकर फैले भ्रम को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।

अपनी मां का कष्ट देख खुद नसबंदी कराने का लिया फैसला
चंदन प्रसाद ने बताया कि पुरुष नसबंदी को लेकर हमेशा एक डर बना रहता था लेकिन बंध्याकरण के बाद जो तकलीफ उनकी मां को हुई, उसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी का बंध्याकरण ना करवा कर खुद का नसबंदी करने का विचार बनाया। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन के लोगों से मालूम चला कि पुरुष नसबंदी काफी आसान है तब मुझे और भरोसा हुआ और मैंने खुद का नसबंदी करवाया और आज पूरी तरह से स्वस्थ हु। चंदन ने बताया कि शारीरिक कमजोरी जैसे भ्रम को तोड़ने के लिए मैं खुद अपने गांव के नजदीक स्थित प्रसिद्ध पहाड़ पर चढ़ाई कर शारीरिक क्षमता का जांच भी किया और खुद को फिट पाया। चंदन प्रसाद ने बताया कि 15 से 20 मिनट में उनका ऑपरेशन हो गया और उन्हें तुरंत छुट्टी मिल गई। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के बाद एक हफ्ता सावधानी बरती और उसके बाद पहले के जैसे कार्य करने लगे।

पति के निर्णय का पत्नी से मिला सहयोग
वही चंदन प्रसाद की पत्नी रीमा देवी ने बताया कि वो पति का नसबंदी नहीं करवाना चाहती थी लेकिन उनके पति ने जो बाध्यकरण के तकलीफ और नसबंदी के फायदे को बताया तो उन्होंने खुद उनका समर्थन किया। वही नौहट्टा पीएचसी प्रभारी डॉ मुकेश कुमार ने बताया कि पुरुष नसबंदी बहुत ही आसान और सरल है। पुरुष नसबंदी 15 से 20 मिनट की प्रक्रिया है और उसके कुछ देर बाद ही पेशेंट को डिस्चार्ज कर दिया जाता है। इसलिए इसपर अधिक बल दिया जा रहा है। वही परिवार नियोजन सलाहकार राजेश कुमार राम ने बताया कि पुरुष नशबंदी को लेकर आज भी लोगों में नकारात्मक सोच बनी हुई है। जबकि इससे किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती है और ना ही पारिवारिक जीवन में किसी प्रकार की समस्या आती है।

maahi Patel

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