Wednesday, October 16, 2024
Patna

IGIMS में होगा बाइप्लेन कैथ लैब,एक मशीन जांचेगी दिल और दिमाग की बीमारी:नहीं जाना होगा दिल्ली-मुंबई

 

पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में एक ऐसी लैब तैयार की जा रही है जहां एक साथ दिल और दिमाग की बीमारी की जांच हो जाएगी। इतना ही नहीं जिन मरीजों की ओल्ड एज में नस नहीं मिलती है, उनकी समस्या का समाधान भी लैब में हो जाएगा।

बहुत जल्द लैब काम करने लगेगी। इसके बाद बिहार के हजारों मरीजों को जांच के लिए दिल्ली-मुंबई जाने से छुटकारा मिल जाएगा। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल के मुताबिक बहुत जल्द IGIMS में जांच की हाईटेक सुविधा मिलने लगेगी। इस रिपोर्ट में जानिए बाइप्लेन कैथ लैब से कैसे होगी दिमाग और दिल की जांच।

बिहार का पहला हाईटेक कैथ लैब

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल के मुताबिक बिहार में हृदय और ब्रेन के रोगियों की संख्या काफी अधिक है। दोनों ही बीमारियों में जांच की विशेष सुविधा के साथ ही इलाज तेजी से होता है। कभी कभी जांच में देरी या फिर सही जांच नहीं होने से समस्या होती है। कई जांच तो ऐसी होती है जिसकी सुविधा नहीं होने के कारण इलाज प्रभावित होता है।

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान ऐसी मुश्किलों को दूर कर बिहार के लोगों के लिए इलाज आसान बनाने के प्रयास में है। इसी कड़ी में बाइप्लेन कैथ लैब बना रहा है, जिसमें मरीजों के दिल से लेकर दिमाग की बीमारियों की जांच हो जाएगी। इसके बाद इलाज भी आसानी से हो जाएगा। बिहार में इस तरह का पहला हाईटेक कैथ लैब बनाया जा रहा है, जिससे राज्य के लोगों को जांच के लिए अधिक पैसा नहीं खर्च करना पड़ेगा। राज्य से बाहर भी नहीं जाना पड़ेगा।

10 करोड़ की मशीन से होगी जांच

संस्थान के डॉक्टरों के मुताबिक मशीन की कीमत 10 करोड़ से अधिक है। कार्डियोलॉजी विभाग के हेड डॉ रवि विष्णु ने बताया कि मशीन इंस्टाॅल हाेने के बाद इसकी सुविधा हार्ट और ब्रेन के मरीजों को मिलने लगेगी।

ऐसे रोगियों के लिए आसान होगी जांच

डॉक्टरों के मुतबिक बाई प्लेन कैथ लैब से हार्ट और ब्रेन एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, पेस मेकर, वीएमबी, बैलूनिंग, वैस्कुलर में काफी आसानी हो जाएगी। इसके अलावा ब्रेन ट्यूमर, ब्रेन हेमरेज, ब्रेन में खून का थक्का, ब्रेन की नस फटने से जुड़े मामलों में जांच काफी सूक्ष्मता से हो जाएगी। इसके बाद डॉक्टरों को इलाज में काफी सहूलियत होगी। इसमें न्यूरो और कार्डियोलॉजी विभाग दोनों मिलकर काम करते हैं।

कम होगा रेडिएशन का खतरा

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के कार्डियोलॉजी विभाग के हेड डॉ रवि विष्णु ने बताया कि इस सुविधा से बिहार के मरीजों को काफी राहत होगी। हृदय और ब्रेन के रोगियाें का समय से इलाज हो जाएगा। कम समय में जांच होगी तो कम समय में इलाज भी शुरु हो जाएगा। आइप्लेन कैथ लैब की सबसे बड़ी खासियत होती हैकि इससे मरीजों और डॉक्टरों पर रेडिएशन का खतरा काफी कम होता है।

ऐसी हाईटेक मशीन की सबसे बड़ी खासियत होती है कि इससे बहुत कम समय में क्लीयर तस्वीर सामने आ जाती है, बारीक से बारीक नसों की स्पष्ट फिल्म निकल जाती है, जिससे इलाज करना काफी आसान हो जाता है। जब जांच में प्लेट क्लीयर होती है तो मर्ज को पकड़ना और सटीक इलाज करना आसान हो जाता है।

पहली मशीन, जिसमें एक साथ ब्रेन और हार्ट की जांच

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टरों ने बताया कि ऐसी मशीन काफी महंगी आती है जिसमें दो तरफा जांच की सुविधा होती है। एक्सपर्ट बताते हैं यह मशीन दो तरह की आती है, मोनो प्लेन और बाई प्लेन होती है। मोनो प्लेन कैथ लैब अधिकतर अस्पतालाें में लगती हैं, क्योंकि ये काफी सस्ती पड़ती है।

बाई प्लेन कैथ लैब की मशीन काफी महंगी आती है, लेकिन इसमें दो तरफा जांच की सुविधा होती है। एक्सपर्ट बताते हैं, बाइप्लेन से एक ही मशीन से न्यूरो और कार्डियक के साथ ब्लड वेसल्स की जांच हो जाती है। यह काफी एडवांस मशीन होती है, इसमें टू सी आर्म होता है। सी टाइप के आकार वाली मशीन में दोनों तरफ से एडवांस स्कैनर होता है। इससे काफी कम समय में दो तरफ स्कैन करता है। टाइम घट जाता है तो रेडिएशन का खतरा भी कम हो जाता है।ये रिपोर्ट स्नेहल चौरसिया की है.

Pragati

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