“बिहार और यूपी के 21 लोग अफ्रीका में बंधक:PMO से लेकर सांसद-विधायक से लगा चुके गुहार;पासपोर्ट-वीजा छीनकर कैद किया
बेगूसराय के अमित कुमार (34) अफ्रीका में पिछले डेढ़ महीने से बंधक हैं। उनके साथ बिहार और यूपी के 20 लोग भी फंसे हुए हैं। सभी सरिया फैक्ट्री में काम कर रहे थे। फैक्ट्री वालों ने 10 महीने पहले ही पैसा देना बंद कर दिया था।
अफ्रीका के इथोपिया के येसु पीएलसी ग्लैन सिटी में कंपनी के अधिकारियों ने इन लोगों को एक कैंपस में बंद किया है। इसके साथ ही वीजा और पासपोर्ट भी छीन लिया है। अमित बलिया प्रखंड के पहाड़पुर गांव के रहने वाला है।
अमित के साथ काम कर रहे विनोद ने एक वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल किया। वायरल वीडियो में विनोद कुमार मौर्या नामक युवक कह रहा है कि हमें ग्लैन सिटी में प्रताड़ित किया जा रहा है। हम लोगों का खाना-पीना बंद कर दिया गया है। गेट भी बंद कर दिया गया है। हम लोगों का पासपोर्ट तक ले लिया गया है। हम लोगों को इंडिया नहीं जाने दिया जा रहा है। विनोद कुमार उस व्यक्ति का भी नाम ले रहा है, जो अमित को अफ्रिका ले गया था।
इस वायरल वीडियो के बाद अमित के परिवार चिंतित हैं। अमित के बड़े भाई मुकेश कुमार पाठक दिल्ली में पीएमओ से लेकर विदेश मंत्रालय तक गुहार लगा चुके हैं। अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मुकेश कुमार दिल्ली में तमाम बड़े अधिकारियों के यहां चक्कर लगा रहे हैं। तो घर पर अमित की पत्नी, भाभी और भतीजे आस लगाए बैठे हैं कि कोई अमित को अफ्रीका से ले आए।
इन नेताओं से लगाई है न्याय की गुहार
अमित के भाई मुकेश ने प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह, हाजीपुर के सांसद चिराग पासवान और राज्यसभा सांसद प्रो. राकेश सिन्हा को आवेदन दिया है। उन्होंने अपने भाई सहित बंधक बनाए गए सभी लोगों को वापस भारत लाने की गुहार लगाई है।
मुकेश ने बताया कि विदेश मंत्रालय से आश्वासन दिया गया है कि इस मामले को अफ्रीका स्थित एंबेसी को फॉरवर्ड किया गया है। राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा के पास पहुंचे थे। लिखित और मौखिक रूप से पहल करने की मांग की है।
यूपी के महाराजगंज के विनोद ले गए थे अफ्रीका
अमित की पत्नी ललिता ने कहा कि 2016 में हमारी शादी हुई थी। खर्च बढ़ने के बाद अमित काम करने के लिए पुणे चले गए थे। कोरोना काल में गांव आ गए और अपने भाई मुकेश के साथ मिलकर घर पर ही मसाला बेचकर जीवन यापन कर रहे थे।इसी दौरान 2022 में कुछ लोगों से संपर्क हुआ। पता चला कि उत्तर प्रदेश के महाराजगंज निवासी विनोद त्रिपाठी इथियोपिया में एक सरिया फैक्ट्री (छड़ फैक्ट्री) में काम करने के लिए कुछ लोगों को भेजने वाले हैं तो अमित ने भी उससे संपर्क किया।
10 महीने पहले कंपनी ने पैसे देने बंद कर दिए
पत्नी ने कहा, पासपोर्ट-वीजा बनवाने के बाद अमित 13 दिसंबर 2022 को घर से इथोपिया के लिए रवाना हो गए। 15 दिसंबर को इथोपिया पहुंच गए और सरिया फैक्ट्री में काम करने लगे। वह घर से कह कर गए थे, डेढ़ साल का एग्रीमेंट है, इसके बाद मैं घर आ जाऊंगा। जिस समय वह गए, मैं गर्भवती थी। उनके जाने के ठीक 15 दिन बाद 28 दिसंबर को बेटा अर्णव पैदा हुआ। मैं घर में सभी लोगों के साथ रह रही थी।
अमित वहां से पैसा भी भेज देते थे। करीब 10 महीने पहले कंपनी ने पैसा देना बंद कर दिया। करीब 2 महीने पहले फैक्ट्री में हादसा हो गया। कुछ ब्लास्ट हो गया था। इस हादसे में अमित का एक साथी बुरी तरह से घायल हो गया। इससे सभी लोग डर गए और घर जाने की जिद करने लगे।अमित की पत्नी ने कहा, कंपनी के लोगों ने सभी का पासपोर्ट और वीजा ले लिया। एक कैंपस में सभी को बंद कर दिया गया हैं। बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। एंबेसी से संपर्क करने नहीं दिया जा रहा है। हमारी वीडियो कॉल पर बात हुई तो बहुत परेशान थे। हम लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि कृपया मेरे पति को सही सलामत घर वापस ला दिया जाए।
सीवान, गोपालगंज, छपरा और शिवहर के अलावा यूपी के लोग भी फंसे हैं
अमित के भाई मुकेश कुमार पाठक ने बताया कि डेढ़ महीना पहले भाई ने फोन किया कि बंधक बना लिया गया है। भोजन-पानी नहीं दिया जा रहा है। हमने इस समय से दौड़ धूप करना शुरू कर दिया। परिवार के लोगों को भी नहीं बताया। लेकिन, अब तक कहीं से राहत नहीं मिली।प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और विदेश मंत्री से ही कुछ उम्मीद है। भाई के साथ सीवान, गोपालगंज, छपरा, शिवहर के अलावा उत्तर प्रदेश के जौनपुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज के भी 20 लोग फंसे हुए हैं।