समस्तीपुर:गवर्नर के आदेश पर 11 महीने बाद FIR:रेप पीड़िता बोली- मेडिकल कराने से अब क्या फायदा;सत्संग संचालक नहीं हुआ अरेस्ट
समस्तीपुर में 18 महीने पहले सत्संग सुनने गई महिला के साथ अधेड़ ने रेप किया। पीड़ित महिला थाने से लेकर अधिकारियों तक केस दर्ज कराने को लेकर चक्कर लगाती रही, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई।11 महीने बाद राज्यपाल के आदेश पर वैनी ओपी में रेप की प्राथमिकी दर्ज की गई। इसमें सत्संग संचालक नगीना प्रसाद सिंह को आरोपी बनाया गया, लेकिन इस मामले में अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है।इसको लेकर पीड़ित परिवार ने पीएम से लेकर राष्ट्रपति से न्याय की गुहार लगाई है। इस पूरे मामले पर पीएमओ ने जिला पुलिस से रिपोर्ट तलब की है।
क्या है मामला
ताजपुर थाना क्षेत्र की रहने वाली एक विवाहिता वैनी ओपी क्षेत्र में 15 मई 2022 को परिवार के लोगों के साथ सत्संग में गई थी।विवाहिता का आरोप है कि कुछ देर बाद सत्संग संचालक नगीना प्रसाद ने उसे इशारा कर बुलाया है। वह कोई काम समझ उनके पास चली गई। इसके बाद उसे वह पास के ही अपने मकान के कमरे में ले गए और उसके साथ रेप किया।उसकी चीख पुकार सुन उसके पति के साथ परिवार के लोग पहुंचे। आरोप है कि नगीना प्रसाद के लोग पीड़ित के परिजनों के साथ उस दौरान मारपीट भी की।जब भीड़ जुटी तो महिला को थाने ले जाया गया, लेकिन थाने मे उस समय तैनात पुलिस पदाधिकारी ने पहले इलाज कराने की बात कही। पीड़िता की हालत ठीक होने के बाद वो फिर से प्राथमिकी कराने थाना पहुंची लेकिन केस दर्ज नहीं हो पाया।
गवर्नर के आदेश पर दर्ज हुआ मामला
प्राथमिकी नहीं होने पर दर-दर भटक रहा पीड़ित परिवार राज्यपाल के यहां पहुंचे हैं। इसके बाद घटना के करीब 11 महीने बाद 20 अप्रैल 2023 इस मामले में वैनी ओपी में नगीना प्रसाद समेत 11 लोगों पर मामला दर्ज किया गया, लेकिन आज तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई। आज भी न्याय के परिवार के लोग दर-दर भटक रहे हैं।कोर्ट के आदेश पर मेडिकल जांच के लिए पीड़ित को कहा गया तो पीड़िता मेडिकल जांच कराने से इनकार कर दिया।
क्या कहते हैं थानाध्यक्ष
वैनी ओपी अध्यक्ष मो. तारिक अनवर ने कहा कि वरीय पदाधिकारी के आदेश पर इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर मेडिकल जांच के लिए पीड़ित को कहा गया तो पीड़िता मेडिकल जांच कराने से इनकार कर दिया। पीड़िता का कहना था कि घटना 11 महीना पहले का है। ऐसी स्थिति में अब रेप का कोई साइन नहीं मिलेगा।हालांकि, पीड़ित ने कोर्ट 164 के बयान में रेप की बात बताई है। मेडिकल जांच नहीं होने के कारण बलात्कार की पुष्टि नहीं हो पाई। इस मामले में रेप की धारा 376 को हटाकर चार्जशीट दायर की गई। मामला अब कोर्ट को देखना है। कोर्ट का आदेश होने पर इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।