Monday, November 25, 2024
Patna

10 साल से रोज सिंदूर लगा रही;मंदिर में 7 फेरे..फिजिकल रिलेशन बनाया,फिर बोला-पकड़ौआ विवाह

पटना।मैं 10 साल से जिसके नाम का सिंदूर लगाती हूं, उसने दूसरी शादी कर ली। जिसकी फोटो देखकर करवा चौथ का व्रत तोड़ती हूं, वह अब मुझे पहचानने से इनकार कर रहा है। मैं आज भी पति के इंतजार में हूं, लेकिन अब वह अपनी अलग दुनिया बसा चुका है।शादी में हंस-हंसकर उसने सभी रस्में निभाईं, शादी के तुरंत बाद ही फिजिकल रिलेशन बनाया, अब शादी को पकड़ौआ विवाह बता रहा है। मुझे सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद है, मेरा पति मुझे मिल जाएगा।

 

दुल्हन की जुबानी, शादी की कहानी

 

बंदना और रविकांत की शादी की इन दिनों काफी चर्चा है। रविकांत इस बात पर अड़े हैं कि मंदिर से अपहरण करके शादी कराई गई। वहीं बंदना का कहना है कि अफेयर था। फिर मंदिर में शादी हुई।लखीसराय कोर्ट ने शादी को सही बताया तो पटना हाईकोर्ट ने अमान्य करार दे दिया। अब सुप्रीम ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दिया है। 10 साल पहले हुई शादी अब कोर्ट कचहरी में उलझी है।शादी की कहानी जानने दैनिक भास्कर की इन्वेस्टिगेशन टीम पटना से 150 किलोमीटर दूर लखीसराय के अशोकधाम चौकी गांव में बंदना के घर पहुंची। मांग में सिंदूर और गले में मंगल-सूत्र पहनी बंदना हमे घर के दरवाजे पर मिल गई।

 

शादी के सवाल पर बंदना की आखों में आंसू आ गए। वह हमे 11 साल पीछे ले जाती हैं। वह अपने और रविकांत के अफेयर से कहानी की शुरुआत करती है।बंदना कहती हैं, ‘मैं उस समय 23 साल की थी। साल 2012 में मेरी फुफेरी बहन शादी के बाद जब गांव आई तो उसके देवर रविकांत से पहली बार मेरी बात हुई। रविकांत आर्मी में नौकरी करता था। हम दोनों में बातचीत बढ़ी और फिर प्यार हो गया।वह जब भी छुट्‌टी में घर आता, मुझसे मिलने भी आया करता था। एक साल तक हम दोनों अफेयर में रहे, इस दौरान वह कई बार शादी के लिए प्रपोज किया। मैं परिवार के खिलाफ जाकर शादी नहीं करना चाहती थी, लेकिन रविकांत ने मेरी मां से बात की और उन्हें शादी के लिए मना लिया।’

 

 

विदाई का वादा कर दिया धोखा

 

बंदना बताती हैं, ‘रविकांत ने मेरे घरवालों से बातकर शादी की डेट 30 जून 2013 को फिक्स कर दी। रविकांत अपने घर वालों को नहीं बताया। वह 30 जून 2013 को मेरे घर सुबह ही पहुंच गया। रविकांत शादी को लेकर बहुत खुश था, हंस-हंसकर धोती पहना। चंदन लगवाया और खुशी-खुशी शादी के लिए अशोकधाम मंदिर पहुंचा।रात में हिंदू रीति-रिवाज से हम दोनों की शादी हो गई। शादी के तुरंत बाद रविकांत ने मेरे साथ फिजिकल रिलेशन बनाया। अगले दिन रविकांत ने कहा कि मैं घरवालों को मनाकर धूम-धाम से तुम्हारी विदाई कराऊंगा। इसके बाद मेरी विदाई तो नहीं हुई, लेकिन जब-जब हम मिले, पति-पत्नी की तरह रहे।

 

मुझे तो उस वक्त बड़ा धक्का लगा, जब 20 दिन बाद रविकांत ने मेरे घर वालों पर पकड़ौआ विवाह का केस दर्ज करा दिया है। मैंने रविकांत को फोन किया, तो उसने कहा- घबराओ नहीं कुछ दिनों में सब शांत हो जाएगा। मैंने घर वालों के दबाव में केस किया है। मैंने उसकी बात मान ली, क्योंकि वह हमेशा फोन पर मुझे घर वालों के दबाव की बात करता रहता था। ‘

 

शादी के 3 माह बाद दहेज की डिमांड

 

बंदना ने कहा, ‘3 माह बीत गए और विदाई को लेकर कोई पहल नहीं हुई तो मेरे घर वाले रविकांत के घर नवादा पहुंच गए। मेरे ससुराल वालों ने विदाई के लिए 15 लाख रुपए नगद और एक कार की डिमांड कर दी।शादी के बाद दहेज की डिमांड से मेरे घर वाले परेशान हो गए। वह बोले- इतना तो नहीं हो पाएगा। ससुराल वालों ने इतनी रकम की जमीन की डिमांड कर दी। मेरे घर वाले दो कट्‌ठा जमीन भी देने को तैयार हो गए, लेकिन ससुराल वाले नहीं माने।मैंने जब रविकांत को फोन किया तो उसका भी अंदाज बदला सा लगा। 3 साल का समय तो ऐसे ही मनाने में चला गया। जब लगा कि रविकांत भी बदल गया तो मैंने 2015 में दहेज प्रताड़ना का केस कर दिया।

 

कोर्ट का फैसला आने पर कराई विदाई

 

जब मेरी शादी का मामला लखीसराय कोर्ट पहुंचा तो कई सुनवाई के बाद फैसला मेरे पक्ष में आया। कोर्ट ने मुझे रविकांत की पत्नी माना और रविकांत को साथ रखने काे कहा। फैसले के बाद रविकांत मुझे मई 2021 में पहली बार विदा कराकर अपने घर ले गया।वह एक साल तक मुझे अपने घर नवादा में रखा। इस दौरान रविकांत के साथ कई बार शारीरिक संबंध भी बने। हालांकि, वह बच्चे को लेकर बड़ा सावधान रहता था। बच्चा नहीं होने पर मैं डॉक्टर को दिखाने की बात करती थी, लेकिन वह तैयार नहीं होता था।रविकांत ड्यूटी पर चला गया और मैं ससुराल में थी। अप्रैल 2022 में जब मेरी तबीयत खराब हुई तो ससुराल वालों ने इलाज के बदले दहेज वाले केस में समझौता करने की शर्त रख दी। मैं उस केस को खत्म नहीं करना चाहती थी, क्योंकि उसी के कारण मेरी विदाई हुई थी।

 

 

रविकांत का मेरे साथ दोहरा गेम

 

लखीसराय कोर्ट का फैसला आने से पहले रविकांत ने साल 2017 में ही दूसरी शादी कर ली थी। वह दूसरी पत्नी को अपने साथ जयपुर में आर्मी क्वार्टर में रखता था। इधर, मुझसे भी बात करता था। दूसरी शादी की भनक मुझे 4 माह बाद लगी।पता चला वह भागलपुर के मकनपुर गांव में पुष्पम कुमारी के साथ शादी कर चुका है। लखीसराय कोर्ट के फैसले के बाद जब रविकांत की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा। वह साजिश के तहत पटना हाईकोर्ट चला गया और दूसरी तरफ मुझे मनाता रहा।

 

जब उसकी नौकरी खतरे में पड़ी तो कोई नहीं चाहता था, मैं रविकांत को माफ करूं, लेकिन मैं उसके प्यार में ऐसी पागल हुई कि परिवार और समाज के खिलाफ अकेली खड़ी हो गई। मैं उसे माफ कर उसकी नौकरी बचाई और उसके साथ ससुराल चली गई।लेकिन अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब घर वाले भी साथ छोड़ दिए हैं। समाज में भी ऐसे ताने मिलते हैं कि मैं घर से नहीं निकलती हूं।

 

हाईकोर्ट ने शादी को अमान्य बता दिया

 

रविकांत की अपील पर 10 नवंबर 2023 को पटना हाईकोर्ट का फैसला आया, जिसमें सप्तपदी नहीं होने के कारण शादी को अमान्य बताया गया। इस फैसले के खिलाफ बंदना सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।सर्वोच्च न्यायालय ने बंदना की अपील पर 5 जनवरी 2024 को पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दिया। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका के जवाब में नोटिस जारी किया है।

 

जहां शादी हुई, वहां के पंडित की सुनिए

 

दैनिक भास्कर की टीम उस मंदिर पहुंची, जहां रविकांत और बंदना की शादी हुई थी। यहां हमारी मुलाकात मंदिर के पुजारी शुभांकर पांडेय से हुई। वह शादी के दौरान भी मंदिर में मौजूद थे।पंडित शुभांकर ने बताया, जब शादी हुई थी तो गांव के 100 से अधिक लोग मंदिर में आए थे। धूम-धाम से हिंदू रीति-रिवाज के साथ दोनों की शादी हुई थी। देखने से ऐसा नहीं लगा कि लड़का किसी दबाव में शादी कर रहा है।हिंदू रीति-रिवाज में तो कहीं से कोई कमी नहीं थी। हमने लड़की के गांव वालों से भी बात कर शादी की हकीकत जानी। गांव की रीना देवी ने भी बताया कि शादी राजी-खुशी से हुई थी। लड़का शादी के लिए पूरी तैयारी के साथ आया था, वह लड़की से बहुत प्रेम करता था।

 

 

अब ससुर की जुबानी शादी की कहानी सुनिए

 

बंदना से शादी की पूरी कहानी सुनने के बाद दैनिक भास्कर की टीम पटना से 140 किलोमीटर दूर नवादा के रेवरा गांव रविकांत के घर पहुंची। यहां हमारी मुलाकात रविकांत के पिता चंद्रमौलेश्वर प्रसाद सिंह से हुई।बंदना का नाम सुनते ही वह भड़क गए, उन्होंने कहा- मेरे जीते जी वह इस घर में कदम नहीं रख सकती है। बंदना को अपशब्द बोलते हुए उन्होंने कहा कि मेरा बेटा घूमने गया था और पकड़कर उसकी जबरन शादी करा दी गई।मैंने फिर भी उस शादी को मानने की कोशिश की, लेकिन लड़की का चरित्र ठीक नहीं है। वह एक जगह रह ही नहीं सकती है। इसीलिए जब तक मैं जिंदा हूं, वह इस घर में नहीं आएगी। मेरे बेटे ने दूसरी शादी कर ली है, उसके दो बच्चे भी हैं। वह खुश है, हम सुप्रीम कोर्ट में भी बंदना के खिलाफ लड़ेंगे। सोर्स;दैनिक भास्कर।

Kunal Gupta
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