“विभिन्न घाटों पर जितिया की धूम:पुत्र की लंबी आयु के लिए महिलाओं ने की पूजा-अर्चना
हाजीपुर में अलग-अलग जगहों पर संतानों की रक्षा का व्रत जीवित्पुत्रिका श्रद्धा से मनाया जा रहा है। महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा और सूर्यास्त से पूर्व पूजा-अर्चना कर संतान की लंबी उम्र की कामना की।
जीवित्पुत्रिका को जितिया भी कहते हैं। सुबह महिलाओं ने व्रत संकल्प लेकर पूजन-प्रसाद की तैयारी की हैं। हाजीपुर के गंगा कई घाटों पर पहुंचीं। महिलाओं ने भगवान जितवाहन की विधि-विधान से पूजा की और अपनी संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना की है।
घाटों पर उमड़ी लोगों की भीड़।
अलग अलग मंदिरों में व्रती माताओं और श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। व्रत के आखिरी दिन मंदिर परिसर और आस-पास स्थित विष्णु और शनिदेव मंदिर सहित प्राचीन शिव मंदिर, काली मां मंदिरों, दुर्गा मंदिर, सोनपुर के हरिहर नाथ मंदिर में दर्शनार्थियों ने दर्शन कर पूजन किया है। सुरक्षा को देखते हुए पुलिस बल तैनात की गई थी।
महिलाओं ने संतान के लिए किया व्रत।
व्रती महिलाओं ने थाली में अक्षत, रोली, जितिया सूत्र, फल-फूल, मिष्ठान, सुपारी सजाकर जितिया माता, महालक्ष्मी और भगवान नारायण को अर्पित कर विधि विधान से आरती पूजन किया। महिलाओं ने जीवित्पुत्रिका व्रत कथा का श्रवण किया। पूजन के बाद महिलाओं ने संतानों के गले में जितिया पहनाकर दीर्घायु की कामना की है। व्रत का पालन करते हुए शनिवार को सूर्योदय के बाद महिलाएं पारण करेंगी और प्रसाद वितरित करेंगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी पूजा की धूम मची रही
ग्रामीण क्षेत्रों में पुत्र की लंबी उम्र के लिए माताओं ने व्रत रखकर पूजा की। हाजीपुर, बिदुपुर, जदुआ, सुल्तानपुर, महुआ, महनार, जंदाहा, पातेपुर, समेत अलग अलग जगहों पर धूमधाम से पर्व मनाया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में देव स्थानों पर मंगल गीत गाती हुई महिलाएं पहुंची। महिलाएं ने आज के दिन धन-धन्य, सुख-वैभव और संतान का सुख प्राप्त की मन्नतें मांगी।