Success Story:पिता की इच्छा को पहले प्रयास में अभिषेक ने किया पूरा,पीसीएसजे में मिला 128 वां रैंक
Success Story:सोनभद्र!पिता नवल जायसवाल की इच्छा थी कि उनके परिवार का कोई सदस्य जज बने। पिता की इच्छा को पुत्र अभिषेक ने पीसीएस जे की परीक्षा में पहले ही प्रयास में पूरा किया। गुरुवार की शाम पीसीएस जे परीक्षा में 128 वां रैंक हासिल करने वाले मल्देवा गांव निवासी अभिषेक जायसवाल से दैनिक जागरण संवाददाता ने बात की। वार्ता के मुख्य अंश…।
प्रश्न: प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में कौन-कौन सी बाधाएं सामने आईं?
उत्तर: सही दिशा में पढ़ाई करने पर कभी भी समस्याएं नहीं आती। हालांकि, कभी-कभी किसी प्रतियोगी परीक्षा में अपेक्षा के अनुसार परिणाम नहीं आते लेकिन इससे परेशान न होकर बेहतर करने की सोच विकसित करने की जरूरत होती है।
प्रश्न: प्राथमिक शिक्षा-दीक्षा कहां से हुई?
उत्तर: शिशु से कक्षा आठ तक की पढ़ाई दुद्धी नगर स्थित महावीर सरस्वती शिशु मंदिर में हुई। कक्षा नौ व दस की पढ़ाई राजकीय इंटर कालेज में हुई। इसके बाद बड़े भाई साफ्टवेयर इंजीनियर के साथ दिल्ली में रहकर तैयारी की।
प्रश्न: इससे पहले किसी परीक्षा में कामयाबी मिली है?
उत्तर: कुछ माह पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा में सफलता मिली थी। बावजूद लक्ष्य पीसीएस जे का था। यही कारण रहा कि सफलता के बाद भी नौकरी ज्वाइन नहीं किया।
प्रश्न: तैयारी के लिए किसी कोचिंग का सहारा लिया?
उत्तर: परीक्षा की तैयारी के लिए कभी कोई कोचिंग का सहारा नहीं लिया।
प्रश्न: यह सफलता आपके हिस्से किस प्रयास में आई?
उत्तर: पीसीएस जे परीक्षा में पहले प्रयास में ही सफलता मिल गई। इसके पीछे भाइयों व गुरुजनों का पूरा सहयोग रहा। पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर पिता की इच्छा पूरी की।
प्रश्न: प्रतियोगी छात्रों को क्या संदेश देंगे?
उत्तर: किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए भरपूर मेहनत की आवश्यकता होती है। सफलता का कोई सहज रास्ता नहीं होता। सही दिशा में किया गया प्रयास ही कामयाबी दिलाती है।”