Saturday, November 23, 2024
Samastipur

बेगूसराय में सांसद राकेश सिन्हा कटाव क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंचे थे, लोगों ने घेरकर लगाए मुर्दाबाद के नारे

बेगूसराय।राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा बुधवार को बेगूसराय में कटाव क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंचे थे। जहां उन्हें स्थानीय लोगों द्वारा विरोध का सामना करना पड़ गया। ऐसे में जब वह उनसे मिलने पहुंचे तो उनके सामने मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। जिसके बाद वह मौके से तुरंत निकल गए। बता दें कि सांसद राकेश सिन्हा बलिया अनुमंडल के शिव नगर पंचायत पहुंचे थे।

 

वहीं, इस घटना के बाद सांसद राकेश सिन्हा ने भी जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि जिला प्रशासन लापरवाह ही नहीं निकम्मी भी है। जिला प्रशासन पिछले 1 साल से सो रही है। अब जब लोगों के घर कटने शुरू हो गए हैं तो वह लीपापोती का काम कर रही है।

 

 

 

उन्होंने कहा कि वह पिछले 4 साल से यहां पर आ रहे हैं। उनके आने का फायदा अब यहां के लोगों में देखने को मिल रहा है। उनका आक्रोश अब चेतना में परिवर्तित हो गया है। पिछले 3 साल से जब मैं यहां आ रहा तो ग्रामीण सिर्फ याचना कर रहे थे, लेकिन अब वह संघर्ष करने के लिए तैयार हैं। अब वह मुट्ठी बांधकर किसी भी स्तर पर जाने को तैयार हैं।

 

राकेश सिन्हा ने आरोप लगाया कि पिछली बार जब बाढ़ आई थी तो जिला प्रशासन को सूचना दी थी। लेकिन पिछले एक साल से जिला प्रशासन सो रही। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग कि है कि जिन लोगों पर कटाव का खतरा है, प्रशासन उनके पुनर्वास की व्यवस्था करें। जिनका घर बह गया उन्हें मुआवजा दें। इसके अलावा जिला प्रशासन आगे कटाव ना हो इसके लिए ऐसी व्यवस्था करें।

 

 

राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा जब लोगों से मिलने पहुंचे तो उनके सामने मुर्दाबाद के नारे लगाए।

राकेश सिन्हा ने आरोप लगाया कि 2022 में इस काम के लिए 3 करोड़ का ठेका था। पर यहां 3 लाख का भी काम नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि 15 दिन पहले उनके द्वारा कटाव का एक वीडियो जारी किया गया था। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा इस वीडियो के बाद लीपापोती का काम किया जा रहा है।

 

मिली जानकारी के अनुसार, पिछले 3 वर्षों से गंगा में भीषण कटाव हो रहा है। अब स्थिति यह है कि कटाव धीरे-धीरे आबादी वाले क्षेत्र में तक पहुंच गई है। इतना ही नहीं कई घर गंगा में विलीन भी हो गए है। साथ ही साथ किसानों की सैकड़ों एकड़ की उपजाऊ भूमि भी गंगा में विलीन हो गई। ऐसे में अब यहां के लोग पलायन करने को विवश हैं। अब तक तकरीबन 50 परिवार अपने घर को खाली कर सुरक्षित स्थान की खोज में चले गए हैं।

 

इस बीच लोगों ने आरोप लगाया कि प्रत्येक वर्ष भीषण कटाव के बावजूद जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा सिर्फ स्थल का जायजा लिया गया। कटाव निरोधी कार्य के नाम पर सिर्फ लीपापोती की गई। इस बात से हम लोग आक्रोशित है।

Kunal Gupta
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