Bihar News:JDU विधायक ने खोया आपा,विरोध कर रहे लोगों को गाली देते वीडियो वायरल
Bihar News:मुंगेर: जिले में सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी के विधायक राजीव कुमार सिंह (Rajeev Kumar Singh) का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है. इस वीडियो में राजीव कुमार सिंह गुस्से में दिख रहे हैं और जमकर गालियां भी देते दिख रहे हैं. दरअसल, तारापुर थाना क्षेत्र में पानी निकासी की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने सड़क जाम किया था. इसकी सूचना मिलने के बाद जेडीयू विधायक राजीव कुमार सिंह पहुंचे थे. ग्रामीणों से बात करने के दौरान आपा खो दिए और विरोध कर रहे लोगों के साथ गाली गलौज करना शुरू कर दिए. इस पूरे वाकया का किसी ने वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
ये है मामला
मामला तारापुर थाना क्षेत्र के लौना गांव का है. लगातार हो रही बारिश से कुछ घरों में वर्षा का पानी प्रवेश कर गया था. बताया जा रहा है कि किसी योजना के तहत उस जगह पर मिट्टी भराई का काम चल रहा है, जिसकी वजह से पानी की निकासी बंद है और बारिश से लोगों के घरों में पानी जा रहा था. वहीं, ग्रामीणों की मांग थी कि जिस गली का निर्माण कराया जा रहा है पहले पानी की निकासी की समस्या का समाधान किया जाए. मिट्टी भराई के विरोध में लोगों ने शनिवार को हवेली खड़गपुर-तारापुर मुख्य मार्ग को लौना गांव के समीप जाम कर दिया.
विधायक ने लगाई जबरदस्त फटकार
वहीं, खड़गपुर-तारापुर मुख्य मार्ग जाम के लगभग दस मिनट बाद तारापुर के जेडीयू विधायक राजीव कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और लोगों से बातचीत की. वहीं, इस दौरान विधायक ने आपा खोते हुए विरोध कर रहे लोगों के साथ गाली गलौज करना शुरू कर दिया. वीडियो बना रहे लोगों को देखते ही विधायक का पारा हाई हो गया और मोबाइल से विधायक का वीडियो बना रहे युवक को उन्होंने जबरदस्त फटकार लगा दी.
मामले पर विधायक ने कही ये बातें
इस दौरान विधायक के सामने ही कुछ लोगों ने विरोध कर रहे लोगों के साथ धक्का मुक्की करते हुए पिटाई भी की. इस दौरान विधायक भी मौजूद रहे, जिसके बाद विधायक ने जाम को हटवाया. वहीं, इस मामले को लेकर विधायक राजीव कुमार सिंह से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि वो क्षेत्र से लौट रहे थे. घर के पास ही जाम किया गया था. लोगों से जानकारी ली, जिसके बाद जेसीबी को मंगवाकर पानी निकासी की व्यवस्था की. गाली गलौज की बातें गलत है. ग्रामीणों से कहा था कि सड़क जाम करने की क्या जरूरत थी? समस्या होने पर ग्रामीणों को इसकी पहले सूचना देनी चाहिए थी.