Tuesday, November 26, 2024
Patna

खुशखबरी;अब लीची के छिलके और बीज से दवा बनाने के लिए होगा शोध,रांची के वैज्ञानिकों के साथ करेंगे काम

खुशखबरी।नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर सेकेंडरी एग्रीकल्चर रांची के वैज्ञानिकों संग राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुशहरी के वैज्ञानिक लीची के सूखे छिलके और बीज पर शोध करेंगे। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। केंद्र के निदेशक डॉ. विकास दास ने बताया कि लीची के छिलके से खाद व फिशरीज फीड सहित अन्य चीज पहले से बन रही हैं। अब लीची के छिलके और बीज से बीमारियों के इलाज में दवा पर शोध किया जाएगा। शोध के लिए चाइना लीची का छिलका और बीज बाहर से मंगाया गया है।

इसे केंद्र परिसर में सूखाया जा रहा है। दो दिन बाद रांची के इंस्टीट्यूट फॉर सेकेंड्री एग्रीकल्चर में सूखे लीची के छिलके और बीज को लेकर मुशहरी स्थित अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक जाएंगे। बायो मेडिकल पद्धति से सूखे छिलके और बीज में पाए जाने वाले तत्व की खोज होगी। उसपर बायो केमिकल सिस्टम से इंसान की विभिन्न बीमारियों के इलाज में काम आने वाली दवा पर शोध किया जाएगा। डॉ. विकास दास ने बताया कि शोध में समय लग सकता है। मुशहरी स्थित अनुसंधान केंद्र में इसके शोध के लिए तकनीक की व्यवस्था नहीं है। इसलिए रांची स्थित केंद्र में भेजा जाएगा।

पोषक तत्वों से भरपूर होती है लीची, इसके छिलके का इस्तेमाल खूबसूरती निखारने में कर सकते हैं

गर्मियों में मिलने वाली लीची स्वाद और सेहत से भरपूर होती है। यह शरीर को हाइड्रेट रखती है। इसमें विटामिन सी, बीटा कैरोटीन, नियासिन, राइबोफ्लेविन और फोलेट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। मोटापा कम करने व पाचन क्रिया को मजबूत बनाने में लीची मददगार होती है। लीची के छिलके का इस्तेमाल चेहरे की खूबसूरती निखारने में कर सकते हैं।

कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने की क्षमता है बीज में

लीची के बीज के अर्क को एंटी कैंसर भी माना जाता है। रिसर्च के अनुसार, लीची के बीजों में हार्मफुल जहरीले कंपाउंड होते हैं। इसलिए इन्हें सीधे ना खाकर लेप बनाकर दर्द को दूर करने में इस्तेमाल किया जा सकता है। लीची के बीजों का इस्तेमाल कैंसर से बचाव में किया जा सकता है। रिसर्च के मुताबिक, लीची के साथ-साथ इसके बीज और छिलके में एंटी कैंसर गुण पाए जाते हैं, जो कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने में मददगार हो सकते हैं।.

Kunal Gupta
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