समस्तीपुर सदर अस्पताल में एक्टोपिक टेस्टिस का सफल ऑपरेशन;पहली बार किया गया प्रत्यारोपण
समस्तीपुर सदर अस्पताल में शनिवार को 4 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद एक आठ वर्षीय बच्चे के एक्टोपिक टेस्टिस यानी अंडकोष के प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन किया गया। सदर अस्पताल के इतिहास में यह पहली बार यह सब हुआ है।
इसके बाद सदर अस्पताल के डॉक्टर आत्मविश्वास से लबरेज दिखते हैं। यही ऑपरेशन अगर सदर अस्पताल के अलावा किसी निजी क्लिनिक में हुआ होता तो मरीज को करीब दो लाख रुपए से अधिक का खर्च आता। सदर अस्पताल में उन्हें इसके लिए अलग से कोई राशि नहीं देनी पड़ी।
सदर अस्पताल पहुंचे परिजन
समस्तीपुर जिले के हसनपुर प्रखंड के बड़गांव निवासी कारी यादव के आठ वर्षीय पुत्र के अंडकोष के दाहिने भाग की एक टेस्टिस गायब थी। जिसको लेकर परिजन सदर अस्पताल पहुंचे। जहां ओपीडी में सर्जन डॉ. सुमित कुमार ने बच्चे की जांच पड़ताल की। इस दौरान अल्ट्रासाउंड में पाया गया कि बच्चे के अंडकोष का टेस्टिस पेट के नीचले भाग में फंसा हुआ है। इसके लिए ऑपरेशन करना जरूरी है।
इसके बाद शनिवार को ऑपरेशन की तैयारी की गई। आपरेशन के दौरान इसे खिसकाकर सामान्य स्थान पर प्रत्यारोपण किया गया। ऑपरेशन की टीम में सर्जन डॉ. सुमित कुमार के अलावा डॉ. राजेश कुमार यादव, मूर्च्छक रोग विशेषज्ञ डॉ. गिरीश कुमार आदि थे। डीएस डॉ. गिरीश कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में पहली बार टेस्टिस का प्रत्यारोपण किया गया है। यह एक बड़ी सफलता है।
4 डॉक्टरों की टीम में 4 घंटे में क्या सफल ऑपरेशन
ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर सुमित कुमार ने बताया कि यह ऑपरेशन सिविल सर्जन डॉ एसके चौधरी के निर्देशन में 4 डॉक्टरों की टीम ने संपन्न कराया। जिसमें करीब 4 घंटे का समय लगा ।उन्होंने बताया कि एक्टोपिक टेस्टिस बचपन में ही सामने आता है जो अपनी जगह से कहीं अलग छुपा रहता है जिसे जगह पर लाना जरूरी होता है अगर इसे सही जगह पर नहीं लाया गया तो यह कैंसर का रूप ले सकता है अथवा आने वाले समय में बच्चा नपुंसक हो सकता है।