मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम;17 प्रखंडों की चयनित 100 आशाओं का हुआ प्रशिक्षण,लक्षणों की पहचान व जाँच की विधि बताई गई
मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम;मोतिहारी, 26 मार्च। जिले को मलेरिया से मुक्त बनाने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग गम्भीर है। इसी के तहत मोतिहारी के रेडक्रॉस भवन में रविवार को जिले के मोतिहारी सदर, तुरकौलिया, ढाका, चिरैया, बंजरिया, पकड़ीदयाल, पिपराकोठी, कोटवा, चकिया, कल्याणपुर, मेहसी, संग्रामपुर, सुगौली, हरसिद्धि, मधुबन,केसरिया की 100 चयनित आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण जिला मलेरिया कार्यालय के भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार, सत्यनारायण उराँव, रविंद्र कुमार के द्वारा दिया गया। वहीँ एलटी संजय कुमार बैठा के द्वारा मलेरिया की जांच के तरीकों की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि मलेरिया बुखार मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है। इस मादा मच्छर में एक खास प्रकार का परजीवी पाया जाता है। इस मच्छर के काटते ही व्यक्ति के शरीर में प्लाज्मोडियम नामक जीवाणु प्रवेश कर जाता है। जिसके बाद वह रोगी के शरीर में पहुंचकर उसमें कई गुना वृद्धि कर देता है। इसमें रोगी को कपकपी के साथ तेज बुखार, सिर दर्द व अन्य लक्षण दिखाई देता है। उन्होंने बताया कि यह जीवाणु लिवर और रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करके व्यक्ति को बीमार बना देती है। वहीँ इसका समय पर इलाज न मिलने पर यह रोग जानलेवा भी हो सकता है।
रैपिड किट से घर पर होगी मलेरिया की जांच:
डीवीबीडीसीओ डॉ शरद चंद्र शर्मा ने कहा कि जिले में मलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर जिले के मलेरिया प्रभावित चिह्नित गांवों की आशा कार्यकर्ता को जरूरी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ताकि मलेरिया के लक्षण वाले मरीजों को अब जांच के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। रैपिड किट से अब उनके घर पर ही मलेरिया की जांच होगी। आशा कार्यकर्ता अब लोगों के घर पहुंचकर जांच करने के साथ ही लोगों को लक्षण, बचाव के उपाय भी बताएंगी। अगर किसी में मलेरिया की पुष्टि होती है तो उन्हें अस्पताल में इलाज कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं को सरकार के द्वारा प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
मलेरिया से बचाव के उपाय:
मलेरिया से बचाव को मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। आस-पास के माहौल की स्वच्छता का ध्यान रखना, जलजमाव की स्थिति पैदा न होने देना, घर के अंदर मच्छर मारने वाली दवा का प्रयोग, मच्छर के घर में प्रवेश को रोकने के लिये खिड़कियों पर जाली का प्रयोग सहित अन्य उपाय किये जा सकते हैं।
मौके पर डीसीएम नंदन झा, भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार, सत्यनारायण उराँव, रविन्द्र कुमार, एलटी संजय कुमार बैठा, अवधेश यादव, सिद्धान्त कुमार, दिनेश कुमार व आशा कर्मी व अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।