Gujarat Morbi Bridge Collapse: केबल ब्रिज हादसे में 140 की मौत, NDRF-SDRF के साथ जवानों ने संभाला मोर्चा..
Gujarat Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में रविवार की शाम हुए पुल हादसे में अब तक करीब 140 लोगों के मारे जाने की खबर सामने आई है. अब भी कई लोग लापता हैं और उनकी तलाशी के लिए बड़े पैमाने पर रेस्क्यू वर्क चल रहा है. यह हादसा कितना बड़ा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रेस्क्यू के लिए न केवल पुलिस और लोकल गोताखोर बल्कि, एनडीआरएफ और भारतीय नौसेना के जवान भी लगे हुए हैं. इधर, दूसरी तरफ मोरबी हादसे पर गृहमंत्री अमित शाह की करीबी नजर है. रातभर खुद पीएमओ के संपर्क में गृह मंत्री अमित शाह रहे. इसके अलावा, गुजरात के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने भी मोरबी में हालात का जायजा लिया. गृहमंत्री अमित शाह को घटनास्थल की हर जानकारी दी गई. अभी तक रेस्क्यू को लेकर क्या कुछ हुआ आइए जानते हैं.
Made in Firework
गुजरात सीओओ के मुताबिक, भारतीय नौसेना के 50 जवान के साथ NDRF के 3 दस्ते, भारतीय वायुसेना के 30 जवानों के साथ बचाव और राहत अभियान के लिए सेना के 2 कॉलम और फायर ब्रिगेड की 7 टीमें राजकोट, जामनगर, दीव और सुरेंद्रनगर से उन्नत उपकरणों के साथ मोरबी में आकर मोर्चा संभाले हुई है. कई लोगों को इन लोगों ने रेस्क्यू किया भी है. इनके अलावा SDRF के 3 और राज्य रिजर्व पुलिस के 2 दस्ते भी बचाव और राहत कार्यों के लिए मोरबी पहुंच रहे हैं. इलाज के लिए राजकोट सिविल अस्पताल में एक आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है. इस टीम ने अभी तक 170 लोगों को रेस्क्यू भी किया है.
एनडीआरएफ ने भेजी 2 और टीमें
एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसेन शाहिदी ने बताया कि एनडीआरएफ की दो और टीमों को वडोदरा हवाई अड्डे से राजकोट हवाई अड्डे के लिए रवाना किया जा रहा है. एनडीआरएफ टीम के साथ वायुसेना का विमान राहत कार्यों के लिए रवाना हो गया है. इसके अलावा जामनगर और आसपास के अन्य स्थानों में बचाव कार्यों के लिए हेलीकाप्टरों को तैयार रखा गया है.
वायुसेना के गरुड़ कमांडो भी रेस्क्यू ऑपरेशन में
रेस्क्यू ऑपरेशन कितने बड़े स्तर पर चलाया जा रहा है इसका अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि इसमें वायुसेना सिर्फ इनवॉल्व ही नहीं हुई है, बल्कि उसके सबसे खूंखार कमांडो को इस सर्च ऑपरेशन में उतारा गया है. आर्मी के पैरा कमांडो व नेवी के मार्कोस कमांडो की तरह गरुण कमांडो भी बेहद खूंखार हैं. इस फोर्स का गठन वर्ष 2004 में किया गया. इनकी ट्रेनिंग ऐसी होती है कि ये बिना कुछ खाए हफ्ते तक संघर्ष कर सकते हैं. मौजूदा समय में गरुड़ कमांडो की सबसे ज्यादा तैनाती जम्मू और कश्मीर में होती है.
गुजरात के मोरबी में रविवार (30 अक्टूबर) को झूलता पुल टूटने से बड़ा हादसा हो गया. इस हादसे में अब तक 60 लोगों की मौत हो गई है. मृतकों में ज्यादातर बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग हैं. माच्छू नदी पर नवनिर्मित ये केबल पुल तीन दिन पहले खोला गया था. ये हादसा शाम 7 बजे हुआ है, उस वक्त पुल पर 500 लोग मौजूद थे. य