Sunday, November 24, 2024
MuzaffarpurPatna

नौ साल की बच्‍ची ने खूब छकाया, फिल्मी पटकथा सुनकर आप भी रह जाएंगे हैरान…

Muzaffarpur News ,मुजफ्फरपुर,। मिठनपुरा इलाके में एक स्कूल में भटकी मिली नौ साल की बच्‍ची की फिल्मी पटकथा ने लोगों को खूब छकाया। उसने एक ऐसी कहानी गढ़ी कि सब उसकी बातों पर यकीन करने लगे। उसने दो साल पहले कोरोना से माता-पिता की मौत की कहानी बताई। कहा कि रांची स्टेशन से दो किलोमीटर दूर मुख्य बाजार में हनुमान मंदिर के पास उसका घर है। माता-पिता की कोरोना संक्रमण से मौत के बाद मौसी व मौसा उसके घर में रह रहे हैं। उसकी मौसी उसे बहुत प्यार करती है। अच्‍छे स्कूल में दाखिला कराया है। मौसा बेरहम है।

मौसा उसे घर में बंद कर मारता-पीटता था। सोमवार को जब मौसी घर में नहीं थी तो मौसा उसे घुमाने का झांसा देकर रांची स्टेशन पर लाया और एक ट्रेन में बैठा दिया। वह वहां से मुजफ्फरपुर स्टेशन पर पहुंच गई। वहां से भटक कर मिठनपुरा के एक स्कूल में पहुंच गई। दरअसल वह मुजफ्फरपुर के एक मोहल्ले की रहने वाली है। मां की पिटाई से गुस्से में आकर घर छोड़कर एक स्कूल परिसर में पहुंच गई थी। वह से घर जाने को तैयार नहीं थी।

पुलिसकर्मियों की पड़ी नजर

स्कूल में बीएड में नामांकन को लेकर प्रवेश परीक्षा चल रही थी। परीक्षा ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों की नजर उस पर पड़ी। वहां पहुंची ब’ची को कुछ लड़के परेशान कर रहे थे। पुलिसकर्मियों ने परेशान कर रहे लड़कों को फटकार लगाकर भगाया। वे ब’ची को स्कूल के प्राचार्य के पास ले गए, जहां महिला शिक्षकों के पूछने पर ब’ची रांची की रहनेवाली बताई और अपना नाम काव्या बताया। पूछने पर वह पिता का नाम तो बताई लेकिन मां का नाम नहीं बता सकी। बातचीत में ब’ची जिस तरह से अंग्रेजी बोल रही थी, उससे किसी अ’छे स्कूल में उसके पढऩे का अनुमान लगाया जा रहा था।

थाना पर पहुंची मां तो खुला राज

मिठनपुरा थानाध्यक्ष श्रीकांत सिन्हा ने बताया कि शाम में उसकी मां मिठनपुरा थाना पहुंची तो मामले का राज खुला। उसकी मां ने बताया कि उसके पिता कस्टम विभाग में पूर्वी चंपारण में कार्यरत हैं। जांच में यह पता चला कि मां की पिटाई के कारण ब’ची गुस्से में घर से भाग निकली है। उसने जो नाम बताया वह भी सही साबित नहीं हुआ। ब’ची मां के साथ जाने को तैयार नहीं थी। फिलहाल उसे चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया है।

Kunal Gupta
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