42 साल की मिताली तिवारी- सब पर भारी:बिहार का नाम किया रोशन,National Athletics Champion ships में लहराया परचम ।
Wowed the flag in the National Athletics Championships.
भागलपुर। कहते हैं जब हौसला बुलंद हो और मन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो कोई राह मुश्किल नहीं होती। इस कहावत को सच कर दिखाया है भागलपुर की बेटी मिताली तिवारी ने। शादी के बाद भी उनका एथलेटिक्स के प्रति जुनून कम नहीं हुआ। मैराथन प्रैक्टिस के बल पर उन्होंने नेशनल ओपन मास्टरर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2022 में दो मेडल अपने नाम किया। इसमें 1500 मीटर में सिल्वर और 2000 मीटर की बाधा दौड़ में ब्रांज मेडल शामिल है। यह चैंपियनशिप गुजरात के बड़ोदरा में आयोजित हुआ था।
मिताली ने बताया कि वह 10 साल की उम्र से ही लंबी दौड़ दौड़ती आ रही हैं। पहले कोई लक्ष्य नहीं था। दिल्ली जाने के बाद पोडियम पर खड़े होकर मेडल पाने की जिद ठान ली और मैराथन में हिस्सा ले लिया।
उन्होंने बताया कि प्रथम दिल्ली स्टेट मास्टर्स क्रास कंट्री 2021 में उन्होंने दूसरा स्थान प्राप्त किया था। इसके बाद राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए उनका चयन हो गया। उन्होंने 42 से 45 आयु वर्ग की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। बकौल मिताली, अब भी वह सुबह-सुबह जवाहर लाल नेहरू स्टोडियम में दो घंटे और शाम में एक घंटे कड़ी मेहनत करती हैं। उन्होंने मैराथन में भी कई मेडल जीते हैं।
मिताली मूल रूप से मूलरूप से बांका जिले के हरला, बौंसी की रहने वाली हैं। बाद में उनका परिवार भागलपुर में बस गया। उनके पिता अवधेश कुमार पांडेय बैंक मैनेजर थे। उनकी मांग ज्ञानू पांडेय आदमपुर स्थित लीची बगान में रहती हैं। मिताली ने बताया कि उनकी दसवीं की पढ़ाई बांका के गल्र्स हाइ स्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई एसएम कालेज से हुई। स्नातक में नामांकन के बाद उनकी शादी हो गई। दिल्ली जाकर उन्होंने पढ़ाई पूरी की। उनके पति डा. विश्वनाथ तिवारी, सेंट्रल रेलवे अस्पताल दिल्ली में सर्जन हैं। उनके दो बेटे सोम 12वीं और ओम आठवीं का छात्र है।