Army Recruitment: सेना भर्ती रैली का इंतजार कर रहे नौजवानों के लिए खुशखबरी,होगी यह घोषणा ।
Agnipath Recruitment Scheme:Agnipath Recruitment Scheme: सेना में भर्ती (Army Recruitment) के लिए देश के नौजवानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. सरकार सेना में रुकी हुई भर्ती को खोलने जा रही है. लेकिन इस बार भर्ती के लिए सरकार एक नए रिक्रूटमेंट प्लान पर काम कर रही है. ये योजना ‘अग्निपथ’ (Agnipath Recruitment Scheme) के नाम से जानी जाएगी और इसमें सैनिकों को महज चार साल ही सेना में नौकरी करने का विकल्प दिया जाएगा. माना जा रहा है कि आज पीएम मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में होने वाली सीसीएस यानि कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी में सेना की अग्निपथ योजना को हरी झंडी मिल सकती है. अगर ऐसा हुआ तो खुद सेना के तीनों अंगों यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुख इस रिक्रूटमेंट प्लान को लेकर राजधानी दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेस आयोजित कर देश के सामने इस नई योजना का प्रारुप बताएंगे.
बता दें कि, पिछले हफ्ते ही अग्निपथ योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिलनी थी. लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के वियतनाम दौरे के चलते इसे कैबिनेट से पास नहीं किया गया था. लेकिन अब क्योंकि रक्षा मंत्री वियतनाम से लौट चुके हैं इसलिए मंगलवार को अग्निपथ योजना को लागू करने की पूरी तैयारी है. जानकारी के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के अधीनस्थ, डिपार्मेंट ऑफ मिलिट्री एफेयरर्स ने सेना के नए रिक्रूटमेंट प्लान को तैयार किया है जिसे अग्निपथ का नाम दिया गया है. नई भर्ती योजना के तहत सेना में भर्ती होनें वाले सैनिकों को ‘अग्निवीर’ का नाम दिया जाएगा.
पिछले दो साल से सेना की भर्ती रुकी हुई है. इसी साल के शुरुआत में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने संसद में एक सवाल के जवाब में लिखित जवाब दिया था कि कोरोना महामारी के चलते सेना की रिक्रूटमेंट रैलियों पर रोक लगी हुई है. इसके अलावा वायुसेना और नौसेना की भर्तियों पर रोक लगी हुई है. हालांकि, ऑफिसर रैंक की परीक्षाओं और कमीशनिंग पर कोई असर नहीं पड़ा है. लेकिन सैनिकों की भर्ती रुकने से देश के युवाओं में रोष है और इसको लेकर वे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चुनावी रैलियों में भी अपना विरोध जता चुके हैं. सोशल मीडिया पर भी कई बार रिक्रूटमेंट रैलियां ना होने के चलते कई बार कैंपन हो चुका है.
इस भर्ती योजना को शीर्ष नेतृत्व की देखरेख में तैयार किया जा रहा है इसलिए आधिकारिक तौर से रक्षा मंत्रालय में कोई इसपर खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है. लेकिन जो जानकारी छन-छनकर सामने आ रही है उसके मुताबिक नई रिक्रूटमेंट योजना में ये सब पहली बार होने जा रहा है-
सेना में भर्ती मात्र चार साल के लिए होगी.
चार साल बाद सैनिकों की सेवाओं की समीक्षा की जाएगी. समीक्षा के बाद कुछ सैनिकों की सेवाएं आगे बढ़ाए जा सकती हैं. बाकी को रिटायर कर दिया जाएगा.
चार साल की नौकरी में छह-नौ महीने की ट्रेनिंग भी शामिल होगी.
रिटायरमेंट के बाद पेंशन नहीं मिलेगी बल्कि एक मुश्त राशि दी जाएगी.
खास बात ये होगी कि अब सेना की रेजीमेंट्स में जाति, धर्म और क्षेत्र के हिसाब से भर्ती नहीं होगी बल्कि देशवासी के तौर पर होगी. यानि कोई भी जाति, धर्म और क्षेत्र का युवा किसी भी रेजीमेंट के लिए आवेदन कर सकेगा. दरअसल, सेना में इंफेंट्री रेजीमेंट अंग्रेजों के समय से बनी हुई हैं जैसे सिख, जाट, राजपूत, गोरखा, डोगरा, कुमाऊं, गढ़वाल, बिहार, नागा, राजपूताना-राईफल्स (राजरिफ), जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री (जैकलाई), जम्मू-कश्मीर राईफल्स (जैकरिफ) इत्यादि. ये सभी रेजीमेंट जाति, वर्ग, धर्म और क्षेत्र के आधार पर तैयार की जाती हैं. आजादी के मात्र एक ऐसी, द गार्ड्स रेजीमेंट ऐसी है जो ऑल इंडिया ऑल क्लास के आधार पर खड़ी की गई थी. लेकिन अब अग्निवीर योजना में माना जा रहा है कि सेना की सभी रेजीमेंट ऑल इंडिया ऑल क्लास पर आधारित होंगी. यानि देश का कोई भी नौजवान किसी भी रेजीमेंट के लिए आवेदन कर सकेगा. आजादी के बाद से रक्षा क्षेत्र में ये एक बड़ा डिफेंस रिफोर्म माना जा रहा है.
योजना को अगर जल्द हरी झंडी मिल जाती है तो इस साल अगस्त के महीने से रिक्रूटमेंट रैलियां शुरु हो जाएंगी और सेना (थलसेना, नौसेना और वायुसेना) में भर्तियां शुरु हो जाएंगी.
आपको बता दें कि, तत्कालीन सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) सेना के अधिकारियों के लिए टूर ऑफ ड्यूटी प्लान पर काम कर रहे थे जिसके तहत सेना (Army) में अधिकारियों को मात्र तीन साल के लिए सेवाएं देनी थी. लेकिन जनरल बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर क्रैश में हुई मौत के बाद से ये योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी. लेकिन सरकार अब अधिकारियों के साथ-साथ सैनिकों के पदों के लिए भी इसी तर्ज पर ‘अग्निवीर’ योजना (Agnipath Recruitment Scheme) को लाने का प्लान तैयार कर रही है.