Sunday, November 24, 2024
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सीएनजी और पीएनजी के दाम रिकार्ड स्तर पर पहुंचे, सामने आई प्रमुख वज‍ह

नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्रालय ने घरेलू क्षेत्रों (फील्ड) से शहरी गैस वितरकों (सीजीडी) के लिए प्राकृतिक गैस का नया आवंटन बंद कर दिया है। इससे सीएनजी और पीएनजी (पाइप के जरिये घरों में आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस) के दाम रिकार्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। हालांकि, मंत्रालय ने कहा है कि आवंटन रोका नहीं गया है और क्षेत्र को अधिक गैस देने से बिजली और उर्वरक जैसे क्षेत्रों के लिए आपूर्ति में कटौती करनी पड़ेगी। सरकार के इस कदम से नए शहरों में विस्तार के लिए दो लाख करोड़ रुपये की निवेश योजना पर सवाल खड़े हो गए हैं। सीएनजी के ऊंचे दामों ने वाहन ईंधन के इस सस्ते विकल्प की कीमत को पेट्रोल और डीजल के करीब ला दिया है। ऐसे में उपभोक्ताओं के लिए अपने वाहनों को स्वच्छ ईधन विकल्प में बदलना फायदेमंद नहीं रह गया है।

कैबिनेट के फैसले के बावजूद मांग के आधार की जा रही आपूर्ति

इस पूरे घटनाक्रम से जुड़े तीन अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के शहरी गैस वितरण क्षेत्र को ‘बिना कटौती’ के प्राथमिकता के आधार पर 100 प्रतिशत गैस आपूर्ति के निर्णय के बावजूद क्षेत्र को आपूर्ति मार्च, 2021 की मांग के स्तर के आधार पर की जा रही है। इसके चलते शहरी गैस वितरण कंपनियों को ऊंची कीमत पर आयातित एलएनजी की खरीद करनी पड़ रही है जिससे गैस की कमी हो गई है और कीमतों में उछाल आया है।

आपूर्ति के लिए कंपनियों को ऊंची कीमत पर खरीदनी पड़ रही आयातित एलएनजी

मंत्रालय ने कहा कि उसे अब तक सीजीडी इकाइयों से अक्टूबर, 2021 से मार्च, 2022 के लिए आंकड़े नहीं मिले हैं, जिसके आधार पर अप्रैल, 2022 में आवंटन किया जा सके। सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय को प्रत्येक छह माह में यानी अप्रैल और अक्टूबर में पिछले छह महीनों की सत्यापित मांग के आधार पर घरेलू गैस का आवंटन करना होता है। हालांकि मार्च, 2021 से इस तरह का कोई आवंटन नहीं किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि अक्टूबर, 2020 और मार्च, 2021 की खपत के आंकड़ों के आधार पर अप्रैल- अक्टूबर, 2021 के आवंटन को पिछले साल अप्रैल में संशोधित किया गया था।

एक साल से नहीं किया नया आवंटन

शहरी गैस वितरण इकाइयों ने मंत्रालय से क्षेत्र को गैस की आपूर्ति ‘नो कट’ श्रेणी में पिछले दो माह के औसत के आधार पर देने का आग्रह किया है। इससे उन्हें सीएनजी और पीएनजी की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने ऐसा नहीं किया है और पिछले एक साल से अधिक समय से गैस का कोई नया आवंटन नहीं किया है। आवंटन में कमी के अलावा सीएनजी और पीएनजी के लिए एपीएम गैस के दाम 2.90 डालर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (प्रति इकाई) से बढ़ाकर 6.10 डालर प्रति इकाई कर दिए गए हैं। इस तरह एपीएम गैस के दामों में 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

पिछले एक साल में 28 रुपये प्रति किलो महंगी हुई सीएनजी

नए क्षेत्रों में सीएनजी नेटवर्क और आपूर्ति के विस्तार से मौजूदा शहरों में सीएनजी की मांग काफी तेजी से बढ़ी है। घरेलू क्षेत्रों से आवंटन की कमी का मतलब है कि आपरेटरों को आयातित तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) खरीदनी होगी जिसकी कीमती घरेलू दरों से कम-से-कम छह गुना अधिक हैं। इसी का नतीजा है कि पिछले एक साल में सीएनजी के दाम 60 प्रतिशत या 28 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ गए हैं। वहीं पीएनजी की कीमतों में एक-तिहाई यानी करीब 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

Kunal Gupta
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