चित्रकार मो.सुलेमान को संस्कृति मंत्रालय द्वारा मिला सीनियर फेलोशिप, दिया बधाई
दलसिंहसराय,शहर के भगवानपुर चकशेखू वार्ड 05 के वरिष्ठ चित्रकार मोहम्मद सुलेमान को संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की वरिष्ठ अध्येता वृति (सीनियर फेलोशिप ) दो वर्षों के लिए प्रदान किया गया है.यह सम्मान कला संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए शोध कार्य उनकी भारतीय मिथ और मेरी कला यात्रा के लिए इस वर्ष 2022- 2024 के लिए प्रदान किया गया है.उन्हें संस्कृति मंत्रालय के द्वारा वर्ष 2005 में राष्ट्रीय छात्रवृत्ति ,वर्ष 2009 में राष्ट्रीय ललित कला अकादमी नई दिल्ली द्वारा रिसर्च ग्रांट फेलोशिप ,वर्ष 2010में जूनियर फेलोशिप प्रदान किया जा चुका है और इस वर्ष मुझे सीनियर फेलोशिप प्रदान किया गया है.इसे लेकर कला प्रेमियों ने उन्हें बधाई दिया है.
मो. सुलेमान बताते है क़ी मेरा जन्म एवं कला यात्रा बिहार के एक छोटे से शहर दलसिंहसराय समस्तीपुर बिहार से शुरू होती है जो आगे चल कर कला की शिक्षा बी एफ ए (चित्रकला) वर्ष 2005 काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी,एम एफ ए (चित्रकला) वर्ष 2007 कला एवं शिल्प महाविद्यालय लखनऊ से हुई है।और वर्तमान में पीएचडी शोधकार्य विषय बिहार संग्रहालय में संग्रहित मूर्तिकला एवं चित्रकला का विश्लेषणात्मक अध्ययन पर आधारित (चित्रकला ) से मंगलायतन विश्वविद्यालय अलीगढ़ से अध्ययनरत जारी है।
मेरे चित्रों का विषय वर्तमान परिपेक्ष्य में बहुतायत रूप से भारतीय मैथिलोजिकल पर आधारित है।मेरे चित्रों में श्री गणेश,शिव,कृष्ण एवं नंदी को अपने चित्रों में प्रमुखता से चित्रण कार्य करते हुए अमूर्त आकार में नंदी के चित्र बनाता हूँ,जिसमें फूल पत्तियों को भी चित्र में शामिल करता हूं। मेरी कला शिक्षा वाराणसी में होने के कारण वहां स्वच्छंद रूप से विचरण करते स्थूलकाय नंदी को अपने चित्रों में प्रमुखता से चित्रण करता रहा हूँ। भारतीय धार्मिक मान्यता है कि नंदी सुख समृद्धि शांति बल एवं शक्ति का प्रतीक है मेरे चित्रों में मैं प्रतीक आकारों को भी शामिल करता हूं। वहीं दूसरी ओर संसार के प्रथम पूज्य श्री गणेश के बाल्यरूप ,स्थूलकाय आकर ने मुझे आकर्षित करता रहा है। बंगाल यात्रा के दुर्गा पूजा में बनाए जाने वाले लाल सुर्ख रंगों में श्री गणेश के प्रतिमाओं ने प्रभावित किया। मेरे चित्र ज्यादातर मिश्रित माध्यम, कागज,कैनवास रहा है। जिसमें मेरे चित्र में इचिंग प्रभाव दिखाई पड़ता है।
देश ,विदेश के कई प्रमुख कला दीर्घाओं, संग्रहालयों में एकल एवं समूह कला प्रदर्शनी लगाई जा चुकी है। साथ ही कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय , अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार एवं कला शिविर में भाग ले चुका हूं। सीनियर फेलोशिप मिलने से कला प्रेमियों और मेरे मित्रों ने बधाई दिए हैं