जेडीयू के पूर्व विधायक रामबालक सिंह को 5 साल कैद की सजा, जानें क्या है पूरा मामला ।
समस्तीपुर lतृतीय अपर सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश प्रणव कुमार झा ने जानलेवा हमले व आर्म्स एक्ट के 21 साल पुराने मामले में सोमवार को विभूतिपुर के पूर्व विधायक रामबालक सिंह और उनके भाई लालबाबू सिंह को पांच-पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी। साथ ही पन्द्रह हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दो-दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। गत शुक्रवार को कोर्ट ने पूर्व विधायक व उनके भाई को दोषी करार दिया था। सजा सुनाने की तिथि 13 सितम्बर मुकर्रर की गई थी।
पूर्व विधायक को सजा सुनाये जाने के कारण कोर्ट में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था थी। पूर्व विधायक के समर्थक भी खासी संख्या में कोर्ट में पहुंचे हुए थे। विपक्षी खेमा भी जुटा था। कोर्ट के फैसले के बाद सूचक ललन सिंह ने कहा कि वे न्यायालय के फैसले से संतुष्ट हैं। वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। अभियोजन की ओर से एपीपी रमेश प्रसाद सिंह व मनोज गुप्ता तथा बचाव पक्ष की ओर से अमिताभ भारद्वाज व कर्मवीर कुमार ने सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखा।
विभूतिपुर निवासी व माकपा नेता ललन सिंह ने पूर्व विधायक रामबालक सिंह व उनके भाई लालबाबू सिंह पर विभूतिपुर थाने में 21 साल पूर्व 5 जून 2000 को एफआईआर दर्ज करायी थी। आवेदन में ललन सिंह ने कहा था कि 4 जून 2000 की रात शिवनाथपुर गांव में गंगा सिंह की लड़की की शादी में शामिल होने गया था। वहां उन्हें देखते ही रामबालक सिंह ने पकड़ने को कहा। वे भागने लगे। जिस पर आरोपियों ने बाइक से पीछा कर उन पर गोली चलायी। जिससे उनके हाथ की अंगुली उड़ गयी। उनके बेहोश होकर गिरने और लोगों को आते देख सभी आरोपी घटनास्थल से भाग निकले थे।