Monday, November 25, 2024
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बिहार में वज्रपात से 22 लोगों की मौत, डेढ़ दर्जन से अधिक झुलसे;अलर्ट जारी

बिहार में वर्षा के दौरान वज्रपात से 22 लोगों की मौत हो गई। इनमें मधुबनी में छह, पटना व औरंगाबाद में चार-चार, सुपौल में दो, जमुई, गया, कैमूर, नालंदा, गोपालगंज और बेगूसराय में एक-एक शामिल हैं। वहीं डेढ़ दर्जन से अधिक लोग झुलस गए। इनमें अधिकतर वर्षा के दौरान धान रोपनी, घास काटने, जलावन चुनने एवं मवेशी चराने का कार्य कर रहे थे।

नालंदा जिले के हरनौत के पकड़िया बिगहा गांव में दालान से घर जा रही कमलेश यादव की 30 वर्षीय पत्नी पिंकी देवी की वज्रपात की चपेट में आने से मौत हो गई। औरंगाबाद में वज्रपात से ओबरा थाना के डिहरी गांव निवासी सुनील चंद्रवंशी की 35 वर्षीय पत्नी प्रमिला देवी, कुराईपुर गांव निवासी रामदेव यादव उर्फ पिंटू कुमार, खिरियावां गांव निवासी उपेंद्र शर्मा की 40 वर्षीय पत्नी नगीना देवी एवं पलकिया टोला झगरु बिगहा गांव निवासी रघुनंदन दास की 55 वर्षीय पत्नी सुगिया देवी की मौत हो गई।

पटना के बाढ़ के दरवे के पप्पू कुमार, बाघाचक की फुलवा देवी एवं धनरूआ व फुलवारीशरीफ में एक-एक की वज्रपात से मौत हो गई। गया के गुरुआ थाना क्षेत्र के तेतरिया गांव में बिरेन्द्र यादव की पत्नी 48 वर्षीय फूलकुमारी देवी की मौत हो गई। बेगूसराय के बखरी प्रखंड की परिहारा पंचायत में संयुक्त रजक के 45 वर्षीय पुत्र घनश्याम रजक की मौत हो गई।

गोपालगंज के बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के चिउटाहा गांव निवासी कमल रावत का 13 वर्षीय पुत्र बिट्टू कुमार की मौत हो गई। गोपालगंज के ही दिघवा गांव में खेत में रोपनी कर रहे तैयब हुसैन व उनकी भतीजी रुकसाना खातून झुलस गए। कैमूर जिले के कुदरा थाना क्षेत्र के बेरूआर गांव में 32 वर्षीय किसान भोला साह की मौत हो गई। कैमूर में गत चार दिनों में वज्रपात से यह दसवीं मौत थी।

मछली पकड़ते समय वज्रपात से मौत
समस्तीपुर के मोहनपुर थाने के रसलपुर गांव में जगदीश सहनी का पुत्र अमरजीत सहनी (20) की वज्रपात से मौत हो गई। वह अपनी छोटी नौका में गंगा में मछली मार रहा था। मधुबनी जिले के बाबूबरही की बसहा पंचायत के डुमरियाही गांव के बैद्यनाथ मंडल की बहन संगीता देवी (35) व बेला दौड़ा गांव के सुरेंद्र राम की पत्नी मंजू देवी (24) की वज्रपात से मौत हो गई।

वज्रपात से कई लोग झुलसे
वहीं, फुलपरास के भरहा निवासी मुकुंन नदाफ (60), पुत्रवधु आशिया खातुन (40) और बथनाहा निवासी मो. अल्लाउद्दीन ने वज्रपात से दम तोड़ दिया। 15 लोग झुलस गए। इनमें तीन की हालत गंभीर है। गुरुवार को धानरोपनी के लिए भरहा एवं बथनाहा के लोग खेत में गए थे। तेज बारिश के कारण सभी घर वापस लौट रहे थे। इसी बीच वज्रपात की चपेट में आ गए।

झुलसने वालों में तेतरी खातून (35), मकीना खातून (20), समीना खातून (32), उमेदिया खातून (28), शंभू पंडित (35) समीरा खातून (40), गुलशन खातून (30) व रोजिदा खातून (35) शामिल हैं। मकीना खातून, समीना एवं रोजिदा खातून की हालत गंभीर है। वज्रपात से बथनाहा गांव निवासी मो. अल्लाउद्दीन, रामकुमारी देवी, सुदामा देवी, राजकुमारी देवी एवं दुखी सिंह भी झुलस गए। सुखाई साफी के पुत्र मो. अल्लाउद्दीन (32) की उपचार के लिए दरभंगा ले जाते समय रास्ते मे मौत हो गई। सुदामा देवी की हालत गंभीर बनी हुई है।

इधर, महथौर खुर्द निवासी रामप्रवेश यादव (50), झड़ीलाल यादव (50) व सुग्गापट्टी निवासी अमोद मारिता (35) भी वज्रपात की चपेट में आने से झुलस गए। इनका इलाज स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल में किया गया। लौकही प्रखंड के नरहिया थाना क्षेत्र के झिटकी गांव के रामबिहारी मंडल के पुत्र विजय कुमार मंडल (32) की मौत हो गई। विजय कुमार मंडल कुदाल लेकर खेत की मेड़ बनाने गया था। इधर, सुपौल में वज्रपात से दो लोगों की, जबकि जमुई में एक की मौत हुई है।

तीन जिलों में वज्रपात से चार लोगों की मौत पर CM ने शोक जताया
पिछले 24 घंटे में प्रदेश के तीन जिलों में वज्रपात से चार लोगों की मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने वज्रपात में मारे गए लोगों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपए अनुदान दिए जाने का निर्देश दिया। पिछले 24 घंटे के भीतर सीवान में दो, सुपौल और रोहतास में एक-एक व्यक्ति की मौत वज्रपात से हो गयी।मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील किया कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें। खराब मौसम होने पर वज्रपात से बचाव के लिए आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सुझावों का अनुपालन करें।

अभी किसी भी जिले में बाढ़ की स्थिति नहीं
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने गुरुवार को सभी 18 बाढ़ प्रवण जिलों के अपर समाहर्ता (आपदा प्रबंधन) के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। इस क्रम में यह सूचना दी गयी कि अभी किसी भी जिले में बाढ़ की स्थिति नहीं है। बैठक के दौरान जिले में वर्षापात और नदियों के जलस्तर की स्थिति की भी समीक्षा की गयी।

अपर मुख्य सचिव ने यह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर समाहर्ताओं को यह निर्देश दिया कि पूरी सतर्कता के साथ स्थिति पर निरंतर निगरानी रखें। बाढ़ आने की स्थिति में बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुरूप त्वरित गति आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें।जिला आपातकालीन संचालन केंद्र सह नियंत्रण कक्ष को 24 घंटे कार्यरत रखने का निर्देश दिया गया। बैठक में मौजूद एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ के समादेष्टा ने अपनी सभी टीमों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया

Kunal Gupta
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