समस्तीपुर;होली मिशन हाई स्कूल में स्पीक मैके संस्थापक डॉ. किरण सेठ ने बच्चों को अपने दिनचर्या में शास्त्रीय संगीत के प्रयोग पर बल दिया
समस्तीपुर :- ख्यातीप्राप्त स्वंयसेवी संस्था स्पीक मैके द्वारा शनिवार को शहर के मोहनपुर रोड स्थित होली मिशन हाई स्कूल के सभागार में एक शैक्षणिक शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्था के संस्थापक 74 वर्षीय प्रोफेसर एवं गणितज्ञ, आईआईटी दिल्ली डॉ. किरण सेठ द्वारा स्कूल के बच्चों से शैक्षणिक यात्रा में बेहतर करने हेतु संवाद स्थापित किया गया। बता दें कि डॉ. सेठ साइकिल से संपूर्ण देश का भ्रमण कर बिहार के दौड़े पर आए हुए है। इस अवसर पर उन्होंने बच्चों को अपने दिनचर्या में शास्त्रीय संगीत के प्रयोग पर बल दिया।
उन्होंने बताया कि शास्त्रीय संगीत किस प्रकार हमें अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। बच्चों को समझाते हुए उन्होंने कहा कि अध्ययन के समय उनके बैठने का आसन सही होना चाहिये। अध्ययन के समय पीठ की रीढ़ सीधी रहने पर मस्तिष्क तक ज्ञान का संचार आसानी से होता है। उन्होंने मोबाईल के सही उपयोग पर बल देते हुए बच्चों को इसके दुरपयोग से होनेवाले नुकसान पर विस्तार से बताया।
मुख्य अतिथि डॉ. सेठ बच्चों को उदाहरण देकर संदेश दिया कि हमारा मन बंदर मन की तरह है जो बहुत ज्यादा अनुपयुक्त बातों की ओर भागता है और हमारा लक्ष्य हमसे दूर होता जाता है। अतः सफलता के लिये हमें अपने बंदर मन पर नियंत्रण करना होगा। श्री किरण सेठ ने बच्चों को गणित में विशेष रूचि रखने का सलाह दिया।
उन्होंने बताया कि गणित पढ़ना अर्थात अनंत ईश्वर से संवाद करने के समान है। श्री सेठ ने बच्चों को ध्यान मुद्रा ओर ज्ञान मुद्रा में ध्यान और योग करने का सुझाव दिया इससे जीवन में निराशा नहीं आती है और जीवन में सकारात्मक उर्जा और आशा का संचार होता है। उन्होंने बच्चों को नियमित अध्ययन करने का सुझाव दिया और कहा कि इससे आपका लक्ष्य आपके करीब आता है। एक दिन अनियमित हो जाने पर हम चालीस दिन पीछे हो जाते हैं।
उन्होंने जीवन में अहंकार से परहेज करने पर बल दिया। डॉ. किरण सेठ ने छात्रों, शिक्षकों और विद्यालय प्रबंधन को बेहतर करने के कई बहुमूल्य टिप्स दिये। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. किरण सेठ एवं समन्वयक समाजसेवी रंजीत निर्गुणी का स्वागत पारंपरिक चादर, पाग एवं बुके से प्रबंध निदेशक धर्मांश रंजन एवं प्राचार्य अमृत रंजन द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनिल कुमार ने किया।”