अब मुंबई जाने में लगेगा अधिक किराया,पवन एक्स. में 4 स्लीपर हटा जोड़े जाएंगे 4 एसी कोच,बढ़ेगा आम आदमी की बोझ का जेब
पटना।मुजफ्फरपुर।उत्तर बिहार व मुंबई के बीच चलने वाली पवन एक्सप्रेस में यात्रा करने के लिए अब अधिक किराया चुकाना पड़ेगा। मुजफ्फरपुर-हाजीपुर के रास्ते जयनगर व मुंबई के बीच चलने वाली 11061/62 पवन एक्सप्रेस की रैक में मार्च से बदलाव होने जा रहा है। पवन एक्सप्रेस की रैक से चार स्लीपर कोच को हटाकर चार एसी कोच को शामिल किया जा रहा है।
इससे ट्रेन में अब स्लीपर के 12 के बदले आठ कोच रह जाएंगे जबकि एसी थ्री टियर के तीन अतिरिक्त कोच जुड़ जाएंगे। नई रैक में एसी थ्री टियर कोच की संख्या कुल छह हो जाएगी। वहीं, एक अतिरिक्त टू टियर एसी कोच जुड़ेगा। इससे एसी टू टियर कोच दो हो जाएंगे। एक मार्च से एलटीटी मुंबई से पवन एक्सप्रेस नई रैक संरचना के साथ चलेगी जबकि तीन मार्च से जयनगर से पवन एक्सप्रेस नई रैक संरचना के साथ चलेगी।इस संबंध में सेंट्रल रेलवे के सीपीटीएम एसएस चतुर्वेदी ने अधिसूचना जारी की है। जयनगर-एलटीटी मुंबई पवन एक्सप्रेस के अलावा छपरा-मुंबई एलटीटी एक्सप्रेस, बलिया-एलटीटी मुंबई कामायनी एक्सप्रेस व गोरखपुर-एलटीटी मुंबई गोदान एक्सप्रेस की रैक संरचना में भी बदलाव हो रहा है।
1 मार्च से रैक संरचना में होगा बदलाव, अब 12 की जगह 8 स्लीपर होगा
ट्रेन की रैक संरचना में बदलाव के बाद बड़ी संख्या में स्लीपर के यात्रियों को एसी थ्री टियर व एसी टू टियर कोच की ओर शिफ्ट होना पड़ेगा। स्लीपर कोच से मुजफ्फरपुर से एलटीटी मुंबई जाने पर प्रति यात्री सात सौ रुपए किराया चुकाना पड़ता है जबकि थ्री टियर एसी कोच से एलटीटी मुंबई जाने पर 1865 रुपए और टू टियर एसी कोच से मुजफ्फरपुर से एलटीटी मुंबई जाने पर 2705 रुपए चुकाना पड़ता है।
सबसे अधिक स्लीपर कोच वाली ट्रेन रही है पवन एक्स.
उत्तर बिहार के यात्रियों को मुंबई पहुंचाने वाली पवन एक्सप्रेस में सबसे अधिक 12 स्लीपर कोच होते हैं। मुजफ्फरपुर-आनंद विहार सप्तक्रांति में छह, जयनगर-नई दिल्ली स्वतंत्रता सेनानी सुपरफास्ट एक्सप्रेस में छह व रक्सौल-हावड़ा मिथिला एक्सप्रेस में चार स्लीपर कोच हैं। एलएचबी रैक आने से ट्रेनों में स्लीपर व जनरल कोच घटाए जा रहे हैं। इसके बदले एसी कोच बढ़ रहे हैं।इससे यात्रा किराया पर कम खर्च करने वाले आम यात्रियों को स्लीपर व जनरल में जैसे-तैसे फर्श पर यात्रा करनी पड़ रही है। एक मार्च से पवन एक्सप्रेस के स्लीपर कोच व जनरल कोच में भीड़ बढ़ने के आसार हैं। कैंसर के इलाज, पढ़ाई, रोजगार के अलावा फिल्म उद्योग में काम करने के लिए बड़ी संख्या में उत्तर बिहार के यात्री पवन एक्सप्रेस से मुंबई जाते हैं।