Samastipur News;भक्तों ने कंधे पर माता को दी विदाई:मां के जयकारे से गूंजा शहर
समस्तीपुर .Samastipur News/जिले में शारदीय नवरात्र श्रद्धा भक्ति एवं उत्साह के बीच शांतिपूर्ण संपन्न हुआ। अधिकांश पूजास्थलों से विधि विधान के साथ बुधवार को प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा है। शाम के चार बजे तक शहर के बारह पत्थर, ओवरब्रिज बस पड़ाव, पटेल मैदान स्टेडियम पुरानी दुर्गा स्थान, दुर्गाबारी आदि पूजा स्थलों से मगरदही स्थित गंडक नदी में प्रतिमा विजर्सन किया गया।
इस दौरान लोग जुलूस के शक्ल में माता का जयकारा लगाते हुए खेल तमाशे के साथ बूढी गंडक नदी के तट तक पहुंचे। देर रात तक शहर के 18 और मुफस्सिल थाने के 35 स्थानों पर स्थापित प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाना है। उधर, बूढी गंडक तट पर भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।
खेल तमाशे के साथ दुर्गाबारी से प्रतिमा का विसर्जन
शहर के बहादुरपुर स्थित दुर्गाबारी से बंगाली संस्कृति के अनुसार सिंदूर खेला के बाद पुरूष व महिलाओं ने माता का विसर्जन किया। इस बंगाली समाज के लोग खेल तमाशा करते हुए शहर के विभिन्न मांगों से होते हुए बूढी गंडक तट तक गए। जहां लोगों ने नम आंखों से माता को विदाई दी। इस दौरान स्टेशन चौराहे पर बंगाली धूपदानी के साथ युवक ने तमाशा दिखाया। साथ में ढाक वादन ने माहौल को और भक्ति मय बना दिया।
रोसड़ा में कंधे पर लेकर माता का विसर्जन
रोसड़ा की बड़ी दुर्गा मंदिर को लेकर स्थानीय लोग बताते हैं कि इसे करीब 100 साल पहले दरभंगा महाराज ने स्थापित किया था। उसके बाद से यहां पर लगातार पूजा अर्चना की जा रही है।
यहां की परंपरा रही है कि विसर्जन के दौरान माता की प्रतिमाओं को ट्रक अथवा अन्य वाहन के बदले लोग अपन-अपने कंधा पर उठाकर बूढी गंडक नदी के तट तक ले जाते हैं। विसर्जन के दौरान पूरा शहर शामिल होता है। जिसने माता को कंधा लगाया वह अपने को धन्य मानता है।