अनामिका दुबे से बनी ‘उजमा फातिमा’,मां-बाप ने जिंदा बेटी का किया पिंडदान, दिया मृत्युभोज
बेटी ने धर्म बदलकर मुस्लिम युवक से शादी कर ली और अनामिका दुबे से उजला फातिमा बन गई. बेटी के इस कदम से दुखी परिवार ने बेटी का परित्याग करते हुए बड़ा फैसला लिया और अपनी जीवित बेटी का पिंडदान कर दिया. परिवार ने बेटी के निधन होने के शोक पत्र भी छपवाए थे और अपने रिश्तेदारों को भेजकर मृत्युभोज का आयोजन भी किया.
दरअसल, जबलपुर के अमखेरा इलाके में रहने वाली अनामिका दुबे ने मोहम्मद अयाज नाम के गैर धर्म के युवक के साथ निकाह कर लिया था. शादी के बाद वह अनामिका दुबे से उजमा फातिमा बन गई थी. बेटी के इस फैसले से नाराज होकर परिवार ने बेटी का परित्याग करते हुए, उसके निधन का शोक संदेश का कार्ड भी छपवाया, जिसे अपने परिचितों और रिश्तेदारों को भी भेजा और नर्मदा तट पर आयोजित पिंडदान संस्कार में शामिल होने का न्योता दिया.
नर्मदा के तट पर पहुंचे माता-पिता और भाई ने जीवित अनामिका का पिंडदान संस्कार पूरा किया. फिर मृत्युभोज भी दिया. रविवार को नर्मदा तट के गौरीघाट पर इस पिंडदान की चर्चा पूरे शहर में है. अनामिका के मामा नरेंद्र कुमार ने कहा कि अनामिका के इस कदम से हम लोग बहुत ही ज्यादा दुखी हैं.
परिवार ने किया परित्याग को किया गया पिंडदान: पुरोहित
पुराणों और शास्त्रों में पिंडदान के अपने मायने हैं. ऐसा माना जाता है कि पिंडदान करने से मृत व्यक्ति की आत्मा को शांति मिलती है, लेकिन जीवित व्यक्ति का पिंडदान होने पर पिंडदान कराने वाले पुरोहित ने कहा कि परिजनों ने यदि परिवार के सदस्य का परित्याग कर दिया है तो ऐसे में उन लोगों के भाव देखें जाते है और फिर पिंडदान पूरा कराया जाता है.
परिवारों की रजामंदी से हुई थी शादी
वहीं, हनुमान ताल संभाग के सीएसपी अखिलेश गौर का कहना है कि युवक-युवती की शादी दोनों परिवारों की रजामंदी से हुई थी. हालांकि, इस शादी को लेकर कई संगठनों ने शिकायत की थी. पुलिस ने मामले की जांच भी की थी. लड़की को परिवार ने घर से विदा किया था