Bihar के इस सरकारी विद्यालय की अनोखी पहल, मध्य विद्यालय में ट्रेन की बोगी में चलती है बच्चों की पाठशाला
Bihar ।बातें अगर सरकारी विद्यालयों की हो तो बिहार के भीतर शैक्षणिक व्यवस्था, बदइंतजामी व लापरवाही को लेकर अक्सर सुर्खियों में होता है। सरकार द्वारा भेजी जाने वाली विद्यालय को चमकाने हेतु रंग-रोगन की राशि भी चपत करने के गहरे सवाल होते हैं। मगर बेगूसराय के मंसूरचक प्रखंड में एक विद्यालय ऐसा भी है जहां के स्कूली बच्चे ट्रेन की बोगी में सवार होकर पढ़ाई कर रहे हैं और यह सब संभव हुआ है कि यहां के एचएम और शिक्षकों की अनोखी पहल से।स्कूली बच्चे जब दरवाजे से झांकते हैं तो ऐसा लगता है कि जैसे यात्री ट्रेन के डिब्बे से झांक रहे हैं।
जिस कक्ष में छात्र पढ़ते हैं उसमें चिल्ड्रेन एक्सप्रेस व जिस कक्ष में मध्याह्न भोजन बनता है उसमें रसोई यान अंकित किया गया है।ऐसी पहल कि विद्यालय की तस्वीर तो बदली ही है अब स्थिति यह हो गई है कि आस पास के ग्रामीण खासकर युवा यहां आकर सेल्फी लेते हैं और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं।उक्त बातें ग्रामीण क्षेत्र के मध्य विद्यालय हवासपुर पश्चिम की है जो इन दिनों काफी चर्चे में है।
कक्षाओं का आकर्षक पेंटिंग करवा कर शिक्षक स्कूली बच्चों को पढ़ाई के प्रति कर रहें आकर्षित
विद्यालय के एचएम अबुल हसन शिक्षक अजय अनंत, प्रमोद कुमार चौधरी,मो महफूज आलम, शिक्षिका मीरा कुमारी, कुमारी सरगम आदि बताते हैं कि सरकार के द्वारा विद्यालय के रंग रोगन के लिए राशियां भेजी गई थी।आवंटित राशि के अनुसार सिर्फ सामान्य तरीके से विद्यालय का रंग-रोगन किया जा सकता था। सरकार की सोच से आगे बढ़कर काम करने की इच्छा हुई तो आपसी विचार-विमर्श किया गया। रंग-रोगन में कुछ अधिक बजट आने की संभावना पर आपस में सामंजस्य स्थापित किया गया और जनसहयोग लेने का निर्णय लिया गया ताकि विद्यालय के कक्षाओं का आकर्षक पेंटिंग करवा कर शिक्षक स्कूली बच्चों को पढ़ाई के प्रति आकर्षित कर सकें।
ट्रेन के बोगी के शक्ल में रंग-रोगन में लगभग 25 हजार रुपए खर्च हुए हैं।एक सोच थी कि बच्चे ज्यादा से ज्यादा आकर्षित हों और विद्यालय में समय और उनके प्रतिभा को तराशा जा सके।अब यहां चाइल्ड फ्रेंडली व्यवहार पाकर बच्चे जमकर पढ़ाई और खूब मौज मस्ती करते हैं।बच्चों को विद्यालय आकर्षित कर रही हैं। बच्चे समय से पहले विद्यालय पहुंच जाते हैं और पढ़ाई का आनंद लेते हैं।शिक्षक अजय अनंत ने बताया कि बैगलेस शनिवार को बच्चों के बीच ट्रेन से संबंधित विभिन्न जानकारी दी जाती है।उन्होंने बताया कि प्रखंड क्षेत्र का यह इकलौता ऐसा विद्यालय है जहां बच्चों को आकर्षित करने के लिए यह नया प्रयोग किया गया है।अपने कार्यों की वजह से विद्यालय सकारात्मक सुर्खियां बटोर रही है।
चाइल्ड फ्रेंडली जैसी क्लास रुम में स्कूली बच्चों का रमता है मन
विद्यालय के छात्र नवनीत, पिंकेश,अभिषेक और छात्रा आयुषी प्रिया,स्वाती,प्रियम ,प्रियांशु, शकीना की मानें तो विद्यालय में ट्रेन बन जाने से सभी ने ट्रेन का एहसास कर लिया है और पढ़ाई करने में काफी मन लग रहा है। बीईओ सुनील कुमार राय ने कहा कि रंग-रोगन के लिए सरकार राशि मुहैया कराती है।शिक्षकों की आपसी सहमति और जनसहयोग से उक्त राशि से अधिक खर्च कर विद्यालय को नया लुक देना सराहनीय है।स्कूली बच्चों को आकर्षिक करने और पढ़ाने की पहल दूसरों के लिए अनुकरणीय है।