राज्यों की झांकियों में छाई नारी शक्ति, कई की मुख्य थीम रही महिला सशक्तीकरण
नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस परेड में नारी शक्ति और महिला सशक्तीकरण की थीम केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और त्रिपुरा की झांकियों का मुख्य भाव रहा। परेड का एक प्रमुख आकर्षण एक क्लासिकल डांस शो रहा, जो महिलाओं के सम्मान, उनके महत्व और योगदान को समर्पित था। लगभग 480 कलाकारों ने मुख्य सलामी स्थल के ठीक सामने अपने प्रदर्शन से परेड में रंग भर दिए और लगभग साठ हजार दर्शक मंत्रमुग्ध होकर करीब छह मिनट तक चले इस आयोजन को देखते रहे।
इन कलाकारों का चयन पूरे देश में आयोजित वंदे भारतम डांस कंपटीशन के जरिये किया गया था। इसमें 326 महिला डांसर तथा 153 पुरुष कलाकारों ने भाग लिया। इन सभी ने पांच तत्वों-पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि के माध्यम से महिला शक्ति और उसकी महिमा बखान करने के लिए क्लासिकल और लोकनृत्य का अनूठा संगम प्रस्तुत किया।केरल की ओर से जो झांकी प्रदर्शित की गई, उसके केंद्र में थी दो हजार साल पुरानी मार्शल आर्ट कलारीपायट्टू। इस झांकी के जरिये केरल ने साक्षरता मिशन को महिला सशक्तीकरण से जोड़ा।
केरल में महिलाओं की साक्षरता की दर भी सबसे अधिक है। केरल की झांकी में 2020 में नारी शक्ति का पुरस्कार जीतने वाली कर्तायनी अम्मा का चित्र अंकित था। उन्होंने 96 साल की आयु में साक्षरता परीक्षा में अव्वल स्थान हासिल किया था। कर्नाटक की झांकी में भी नारी शक्ति का ही चित्रण रहा। राज्य ने उन तीन महिलाओं को चित्रित किया जिन्हें सामाजिक सेवा के लिए पद्म पुरस्कार दिए गए हैं। ये हैं सुरक्षित प्रसव के लिए महिलाओं की सहायता करने वाली सुलागिटी नरसम्मा, वृक्ष माता कही जाने वाली तुलसी गौड़ा और सलुमारडा थिमक्का। त्रिपुरा ने पर्यटन और जैविक खेती में महिलाओं की बढ़ती भूमिका और योगदान को रेखांकित किया, जबकि महाराष्ट्र ने नारी शक्ति को देवियों के रूप में दर्शा करके महिला सशक्तीकरण का संदेश देने का काम किया।