रेखा हटीं तो स्वाति, प्रीति व रजनी ने ठोकी ताल, दिलचस्प बना बिहार पंचायत का चुनाव.
सीतामढ़ी। पंचायत उपचुनाव की दुगडुगी बजने के साथ ही जिला परिषद क्षेत्र संख्या-18 की खाली सीट पर तीन युवतियों ने अपनी पेशी अटकजाया है कि राजनीति में वह भी बराबर के हिस्सेदार हैं। खास बात यह है कि ये तीनों अविवाहित हैं और सामाजिक क्षेत्र में अपनी अलग पहचान हैं। उनके चुनावी ताल ठोकने से यह हाट सीट बन गई है। इस सीट पर एक फरवरी को मतदान हुआ है।
यहां से लाइन कुमारी नजर आए थे चुनाव
इसी सीट से कुमारी चुनावी जुड़ाव थे, लेकिन आगे चलकर वह शिवहर-सीतामढ़ी निकाय कोटे से विधान परिषद का चुनाव हुए और जीत दर्ज कर विधान पार्षद बने। यह उनके द्वारा पोस्टिंग से रिक्त हो गया है। इस सीट पर लाइन कुमारी के सामने स्वाति मिश्रा भी खरीद रही थीं, दूसरे तरिके से उन्हें अंततः हार का सामना करना पड़ा। राजद की जिला प्रवक्ता स्वाति मिश्रा का कहना है कि इस चुनाव में उन्हें 3800 वोट मिले थे। स्वाति के सामने रेखा कुमारी नहीं होतीं तो उनकी जीत की प्रबल संभावना थी। इस बार इस सीट से दोबारा: दो युवकों ने अपना दावा ठोककर लड़ाई को और दिलचस्प बना दिया है। भाजपा के युवा नेतृ रजनी सिंह परिहार के कन्हवा गांव में रहते हैं।
रजनी का कहना है कि आम जनता की आवाज बनकर हर स्तर पर संघर्ष करती रहती है। सभी क्षेत्र और संक्षिप्त के लिए काम किया है और इस उम्मीद में उन्हें अपनी जीत की गारंटी है। उसी समय पट्टी के बनगांव पंचायत की प्रीति झा भी सामाजिक कार्यों की आश्रित जीत की निर्भरता हैं। प्रीति का कहना है कि इस सीट से लड़ने के लिए उनके शुभचिंतकों ने प्रचार किया है। क्षेत्र बेरोजगार चुनाव लड़ने के सवाल पर रजनी व प्रीति का कहना है कि चुनावी मैदान में क्षेत्रीयता का मामा नहीं जमा होता है, मतदाता होते हैं। बहरहाल, इन तीनों युवकों के चुनाव लड़ने के एलान मात्र से राजनीति गरमा गई है। ये तीनों चुनावी मैदान में उतरेंगे तो प्रत्यक्ष मुकाबला दिलचस्प होगा और यह देखने वाली बात होगी कि आपके-अपने क्षेत्र में बनी-बनाई पहचान वोट में राशि निशान हो जाएगी।