Friday, January 24, 2025
Patna

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को झटका,4 विधायक RJD में शामिल,अब RJD बनी बिहार की सबसे बड़ी पार्टी ।

बिहार में तेजस्वी यादव की आरजेडी ने एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी को उद्धव ठाकरे जैसा झटका दे दिया है। पार्टी के पांच में चार विधायक लालू यादव के राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए हैं। इसी तरह की हालत ठाकरे की हुई है जिनकी शिवसेना के आधे से ज्यादा विधायक उनके ही मंत्री एकनाथ शिंदे तोड़कर तख्तापलट करने पर आमादा हैं। आरजेडी में शामिल हुए विधायकों में अररिया जिले की जोकीहाट विधानसभा सीट से विधायक शाहनवाज आलम, किशनगंज जिले की बहादुरगंज सीट से विधायक अंजर नईमी, कोचाधामन सीट से एमएलए मोहम्मद इजहार असफी, पूर्णिया जिले की बैसी सीट से विधायक सैयद रुकनुद्दीन अहदम शामिल हैं। पूर्णिया के ही अमौर सीट से विधायक और एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ओवैसी के साथ बच गए हैं।

एआईएमआईएम के चारों विधायकों ने बुधवार को पटना में तेजस्वी यादव से मुलाकात कर पार्टी का दामन थामा। तेजस्वी ने चारों विधायकों के साथ विधानसभा स्पीकर से मुलाकात भी की। इन विधायकों के आने के बाद आरजेडी के कुल एमएलए की संख्या 80 पहुंच गई है। आरजेडी एक बार फिर बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। वहीं, बीजेपी 77 विधायकों के साथ दूसरे नंबर पर पहुंच गई है।

AIMIM विधायकों के आने से बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनी आरजेडी, बीजेपी फिर दूसरे नंबर पर पहुंची

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में ओवैसी ने किशनगंज, अररिया और पूर्णिया जिले की पांच विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। पिछले कुछ दिनों से तेजस्वी यादव AIMIM के सभी विधायकों को आरजेडी में शामिल कराने की कोशिश में जुटे थे। मगर एक विधायक जो एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान हैं, उन्होंने आरजेडी में जाने से मना कर दिया। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष को छोड़कर अन्य सभी विधायक ओवैसी का साथ छोड़कर तेजस्वी की पार्टी में आ गए।

महाराष्ट्र में जारी सत्ता संघर्ष

महाराष्ट्र की बात करें तो शिवसेना से बागी हुए एकनाथ शिंदे का दावा है कि उनके पास पार्टी के दो तिहाई विधायकों का समर्थन है। इससे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार अल्पमत में है। बीजेपी अब फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है। अगर फ्लोर टेस्ट होता है तो उद्धव की कुर्सी जाना तय है। शिंदे का दावा है कि उनके पास शिवसेना के 39 विधायक हैं। यानी कि दो तिहाई से ज्यादा विधायकों ने उद्धव के बजाय एकनाथ शिंदे को अपना नेता बना लिया है। 7 निर्दलीय विधायकों ने भी पत्र लिखकर उद्धव सरकार से समर्थन वापस लेने की बात कही है।

Kunal Gupta
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