गाड़ी चलाने वालों के लिए Good News,सरकार करने जा रही ये काम,आपको ऐसे होगा फायदा ।
भारत में गाड़ी खरीदने से लेकर बचने का तरीका जल्द ही पूरी तरह से बदलने जा रही है। दरअसल देश में गाड़ियों की सेफ्टी के लिए ‘भारत एनसीएपी’ को अगले साल एक अप्रैल से शुरू किया जाएगा। इसके तहत गाड़ियों को टेस्ट के आधार पर सेफ्टी मानदंडों के लिहाज से ‘स्टार रेटिंग’ दी जाएगी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारत एनसीएपी कार्यक्रम में आठ सीटों तक गाड़ियों को दुर्घटना की दशा में सवारियों के लिए सुरक्षित माने जाने के पैमाने पर परखा जाएगा। एम-1 कैटीगरी के 3.5 टन वजन वाली गाड़ियों पर भारत एनसीएपी के तहत टेस्ट करने के बाद स्टार रेटिंग दी जाएगी।
भारत एनसीएपी के स्टैंडर्ड को गाड़ी की सेफ्ट संबंधी ग्लोबल स्टैंडर्ड के अनुरूप तैयार किया गया है। बयान में कहा गया है कि भारत एनसीएपी रेटिंग ग्राहकों को वाहन का मूल्यांकन करने वाले लोगों के लिए प्रदान की जाने वाली सुरक्षा के स्तर का एक संकेत प्रदान करेगी। इसमें एडल्ट पैसेंजर के अलावा बच्चों के लिए भी सेफ्टी लेवल को परखा जाएगा।
टेस्ट में गाड़ियों को मिलेगी इतनी रेटिंग
इस कार्यक्रम के लिए गाड़ियों का टेस्ट जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ टेस्ट एजेंसियों पर किया जाएगा। प्रस्तावित मूल्यांकन के तहत एक से पांच स्टार तक की रेटिंग गाड़ियों मॉडल को दी जाएगी।
नितिन गडकरी ने दी नई जानकारी
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अपने कई ट्वीट में कहा कि भारत एनसीएपी एक कस्टमर सेंट्रल प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगा, जिससे ग्राहक स्टार-रेटिंग के आधार पर सुरक्षित कारों का ऑप्शन चुन सकेंगे। उन्होंने कहा कि इससे भारत के ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (ओईएम) के बीच सुरक्षित गाड़ियों के निर्माण के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को भी बल मिलेगा।
गाड़ियों को ऐसे मिलेगी स्टार रेटिंग
गडकरी ने कहा, ”मैंने भारत एनसीएपी शुरू करने के लिए जीएसआर अधिसूचना के मसौदे को मंजूरी दे दी है जिसमें वाहनों को टक्कर परीक्षण में प्रदर्शन के आधार पर स्टार रेटिंग दी जाएगी।” गडकरी के अनुसार, भारत एनसीएपी भारत को दुनिया में ऑटोमोबाइकल इंडस्ट्री का अग्रणी केंद्र बनाने के मिशन के साथ आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक अहम जरिया साबित होगा।
गडकरी का लक्ष्य
भारत एनसीएपी गाड़ी बनाने वाली कंपनियों को सेफ्टी टेस्ट कार्यक्रम में स्वेच्छा से भाग लेने और नए कार मॉडलों में हाई सेफ्टी को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इस पहल के जरिये सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में कमी लाने की कोशिश की जाएगी। गडकरी ने साल 2024 तक सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में 50 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य रखा हुआ है।