पिता साइकिल से फेरी लगाकर कपड़ा बेचते हैं, बेटा 45वीं रैंक लाकर बना IAS …
नई दिल्ली।कहां जाता है कि अगर आपका इरादा मजबूत है तो फिर परिस्थितियां आपको नहीं रोक सकती! बिहार के किशनगंज के नेपालगढ़ कॉलोनी के निवासी संजय बोसाक के पुत्र अनिल बोसाक ने अपने पिता के सपनों को पूरा किया! इस होनहार बेटे में बेहद गरीबी से निकलकर अपने और अपने परिवार के सपने को पूरा किया! अनिल के पिता बेहद गरीब गली गली में घूम घूम का साईकल पर कपड़े बेचते थे! मगर उन्होंने अपनी आर्थिक तंगी का प्रभाव अपने बेटे की पढ़ाई पर नहीं पढ़ने दिया! उन्होंने अपने बेटे की पढ़ाई के लिए सब कुछ किया! अनिल चार भाई बहन है! अनिल दूसरे नंबर पर आते हैं! अनिल ने भी सोच लिया था कि उनके पिता उनकी पढ़ाई के लिए इतना सब कुछ कर रहे हैं तो वह अपने पिता की इस मेहनत को बेकार नहीं जाने देंगे और जी तोड़ मेहनत करेंगे! अनिल सोचते थे कि 1 दिन मै इतना बड़ा अधिकारी बनुगा कि उनके पिता को उन पर गर्व होगा! उसके बाद उन्हें यह काम नहीं करना होगा! अनिल शुरू से ही पढ़ाई में काफी होशियार थे! इसलिए उनके परिवार को उनसे काफी उम्मीदें थी! अनिल ने इससे पहले 616 वी रैंक हासिल कर इनकम टैक्स कमिश्नर बने थे! मगर उन्हें इसे खुशी नहीं मिली!
उनके मन में आईएएस बनने का जुनून सवार था! इसलिए उन्होंने आईएएस बनने की तैयारी शुरू कर दी! उन्होंने 2020 में 45 वां रैंक हासिल किया! गरीबी की हालत से निकलकर आईपीएस बनने का खुद का और अपने परिवार का सपना साकार किया ! अब उनकी कहानी और लोगों को भी प्रेरित करती है! गांव और आसपास के लोग बच्चों को अब इस आईएसएस का उदाहरण देते हैं! अगर आपके पास मोबाइल है तो घर बैठे आसानी से हर महीने ₹1 लाख कमा सकते हैं! इसके लिए गूगल पर सर्च करें oyehoye! यहाँ पर रजिस्ट्रेशन करते ही आपको 20 हजार रूपये मिल जाएंगे!