गंगा के जलस्तर में कमी न के बराबर, बाढ़ग्रस्त इलाकों के घरों में 4 फीट पानी
बेगूसराय।तेघड़ा.प्रत्येक दिन बाढ़ की समस्या गंभीर ही बनती जा रही है। जिससे बलिया के दियारा क्षेत्र के बाढ़ पीड़ितों को राहत नहीं मिल पा रही है। रविवार को गंगा के जलस्तर में मामूली कमी देखी गयी। हालांकि इससे कुछ खास प्रभाव नहीं पड़ा है। स्थानीय प्रशासन के द्वारा बाढ़ पीड़ितों के लिए रविवार से सभी पंचायतों के वार्डों में सामुदायिक किचन शुरू कराया गया है। साथ ही प्रशासन के द्वारा पशुचारा का भी वितरण कराया जा रहा है। वही बाढ़ पीड़ितों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुये बांध पर तीन जगहों पर स्वास्थ्य शिविर भी लगाया गया है।
बाढ़ पीडि़तों को पानी से निकलने के लिये स्थानीय प्रशासन के द्वारा सभी बाढ़ पीड़ित पंचायतों में कुल 58 नाव का परिचालन कराया जा रहा है। रविवार को भवानंदपुर, ताजपुर, परमानंदपुर, पहाड़पुर सहित फतेहपुर एवं भगतपुर पंचायत के बाढ़ प्रभावित वार्डों के लिये शिक्षकों को नियुक्त कर सामुदायिक किचन चलाने की तैयारी पूरी कर ली गयी है। सभी प्रतिनियुक्त शिक्षक अपने-अपने प्रतिनियुक्त स्थल पर राशन लेकर पहुंच गये हैं। रात्रि का भोजन भी बाढ़ पीड़ितों को मिलने की संभावना जताई जा रही है।
स्थिति यह है की बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में तीन से चार फीट घरों में लोगों के पानी हो जाने से लोग मुश्किल भरा जीवन जीने को विवश है। प्रत्येक दिन हजारों बाढ़ पीड़ित को पानी से निकाला जा रहा है। लोग पलायन कर रहे हैं। पशुओं को लेकर पशुपालक किसान भी पलायन कर रहे हैं। वही प्रखंड क्षेत्र के फतेहपुर पंचायत के वार्ड 15 में शिक्षकों की लापरवाही से बाढ़ पीड़ितों के बीच कम्युनिटी किचन नहीं चलाया गया ।
वहीं स्थानीय अधिकारी की पहल पर रविवार से शुरू कराया गया। इस संबंध में सीओ रवि कुमार ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के लिये रविवार तक 58 नावों का परिचालन शुरू करा दिया गया है। सभी पंचायत में वार्ड वार सामुदायिक किचन की भी शुरुआत कर दी गयी है। बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद पहुंचाने का प्रयास जारी है।
तेघड़ा | तेघड़ा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत गंगा नदी में बाढ़ का पानी धीमे रफ्तार स घटने लगा हैं। लेकिन लगातार पानी का दबाव पड़ने से गुप्ता बांध में कई स्थानों पर रिसाव होने लगे हैं। इससे बांध के उत्तरी भाग में भी गड्ढों में पानी जमा होने लगा हैं। साथ ही खेतों में पानी फैलने लगा है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों की टीम व आपदा विभाग के अधिकारी लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। एसडीएम राकेश कुमार ने बताया कि पानी रिसने की बात ग्रामीणों द्वारा बताई गई है। इसको लेकर प्रशासन पूरी तरह चौकस है। प्रशासन सभी स्थितियों को संभालने के लिए मुस्तैद है।
लेकिन आसपास के लोगों में रिसाव को लेकर दहशत है। ग्रामीणों ने बताया कि गुप्ता बांध काफी पुराना हो गया है। साथ ही चूहों द्वारा जहां तहां बिल बना देने से बांध को सुरक्षित रखने में परेशानी हो रही है। पूर्व वार्ड पार्षद कन्हैया सिंह भारद्वाज ने बताया कि बांध के निर्माण के बाद अब तक मरम्मत नहीं हो पाया है।