Saturday, May 18, 2024
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“चैत्र नवरात्र की शुरुआत:जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग में होगा आरंभ

चैत्र नवरात्र की शुरुआत.चैत्र नवरात्र की शुरुआत कल से होगी। 9 अप्रैल को मंदिरों और घरों में कलश स्थापना के साथ ही पूजा की शुरुआत होगी। कलश स्थापना के बाद देवी मां की चौकी स्थापित की जाएगी। 9 दिनों तक इन देवियों का पूजन-अर्चन किया जाएगा। इस साल नवरात्र रेवती नक्षत्र और सर्वार्थ अमृत सिद्धि के सुयोग में आरंभ हो रही है। 18 अप्रैल को विजयादशमी होगी।

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घोड़े पर होगा भगवती का आगमन

पंडित मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि पूरे साल में चार बार नवरात्र आती है। जिसमें से दो गुप्त नवरात्र और दो प्रत्यक्ष नवरात्र होती है। चैत्र नवरात्र का पहला दिन मंगलवार होने से देवी दुर्गा का आगमन अश्व यानी घोड़ा पर होगा। घोड़े पर भगवती के आगमन से समाज में अस्थिरता, तनाव, राजनीति उथल-पुथल, चक्रवात, भूकंप की स्थिति उत्पन्न होती है। वहीं, विजयादशमी को गुरुवार होने से माता की विदाई नर वाहन पर होगी।

चैत्र नवरात्र की तिथियां

09 अप्रैल (प्रतिपदा)- मां शैलपुत्री पूजा व घटस्थापना

10 अप्रैल (द्वितीया)- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

11 अप्रैल (तृतीया)- मां चंद्रघंटा की पूजा

12 अप्रैल (चतुर्थी)- मां कुष्मांडा की पूजा

13 अप्रैल (पंचम)- मां स्कंदमाता की पूजा

14 अप्रैल (षष्ठी)- मां कात्यायनी की पूजा

15 अप्रैल (सप्तमी)- मां कालरात्रि की पूजा

16 अप्रैल (अष्टमी)- मां महागौरी की पूजा

17 अप्रैल (नवमी)- मां सिद्धिदात्री, रामनवमी

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

ब्रह्रा मुहूर्त- सुबह 04:31 से 05: 17 तक

अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:57 से दोपहर 12: 48 तक

विजय मुहूर्त- दोपहर 02:30 से दोपहर 03: 21 तक

गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:42 से शाम 07: 05 तक

नवरात्रि में मां के 9 रूप के लिए भोग प्रसाद

शैलपुत्री- दूध, शहद, घी, फल और नारियल
ब्रह्मचारिणी- मिश्री, दूध और पंचामृत
चंद्रघंटा- खीर, दही आदि
कुष्मांडा- हरा फल, अंकुरित अनाज, मालपुआ, इलाइची
स्कंदमाता- अनार, छुहारा व किशमिश
कात्यायिनी- शहद और उससे निर्मित खाद्य पदार्थ
कालरात्रि- गुड़ और गुड़ से बने पकवान
महागौरी- नारियल, अनार
सिद्धिदात्री- हलुआ, पुड़ी, गुलगुला, मालपुआ

Kunal Gupta