Saturday, May 18, 2024
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गार्गी नारी शक्ति सम्मेलन 2024′ का आयोजन,बिहार की 200 महिलाओं को किया गया सम्मानित

 

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गार्गी नारी शक्ति सम्मेलन 2024 पटना।अध्याय द्वारा LetsInspireBihar के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय_महिला_दिवस के उपलक्ष्य में पटना के जे डी वीमेंस काॅलेज में ‘गार्गी नारी शक्ति सम्मेलन 2024’ का आयोजन किया गया जिसमें बिहार की लगभग 200 वैसी महिलाओं को सम्मानित किया गया जिन्होंने किसी न किसी क्षेत्र में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है । चयनित महिलाएँ शिक्षा, उद्यमिता, कला, साहित्य, समाज-सेवा, खेल-जगत्, चिकित्सा, अभिनय, नृत्य, संगीत, घरेलु उत्पीड़न के विरुद्ध न्याय दिलवाने आदि क्षेत्रों में अपना बहुमूल्य योगदान दे रही हैं । सभी चयनित महिलाएँ मूल रूप से बिहार की हैं जिनमें से अनेक भारत के विभिन्न राज्यों से सम्मिलित होने पटना आईं थीं ।

हजारों की संख्या में महिलाओं ने नॉमिनेशन फॉर्म भरा था। इस बृहत् सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहा तथा अपने संबोधन में मैंने कहा कि हमारा लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत में विकसित बिहार का निर्माण है जिसमें नारीशक्ति की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है । वर्तमान में लगभग 1,00,000+ व्यक्ति स्वैच्छिक रूप से बिहार के उज्ज्वलतम भविष्य निर्माण हेतु संकल्पित लेट्स इंस्पायर बिहार अभियान से जुड़ चुके हैं जिसमें गार्गी अध्याय बिहार में विकासोन्मुखी महिलाओं का प्रमुख स्तंभ तथा मंच बन चुका है और समाज में गार्गी पाठशाला, गार्गी कला कौशल केंद्र, उत्कृष्टता सम्मान तथा अनेक माध्यमों से प्रेरणा का प्रसार कर रहा है । मैंने सभी को यह बताया कि जब बिहार की विरासत से प्रेरित तथा उज्ज्वलतम भविष्य हेतु संकल्पित “आइए, मिलकर प्रेरित करें बिहार” अभियान की परिकल्पना हो रही थी तब अंर्तमन गार्गी वाचक्नवी का स्मरण कर रहा था और कह रहा था कि जिस भूमि ने अत्यंत प्राचीन काल में ही वैसी विदुषी को साक्षात देखा था।

 

जिन्हें संपूर्ण भारतवर्ष से एकत्रित हुए विद्वानों में सर्वश्रेष्ठ चुने गए महर्षि याज्ञवल्क्य को भी विद्वतापूर्वक चुनौती देने का साहस था, उसका भविष्य भला उज्ज्वलतम क्यों न हो । इसी उद्देश्य से जब हर जिले में अध्याय स्थापित होने लगे, तब बुद्धिजीवी महिलाओ के सामूहिक चिंतन तथा योगदान हेतु गार्गी अध्याय को भी स्थापित किया गया ताकि गार्गी की बौद्धिक परंपरा अभिवृद्धि प्राप्त कर सके। आज यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता होती है कि 8 जिलो में 14 केन्द्रों पर गार्गी पाठशालाएं स्थापित हैं जिनमें विदुषियों द्वारा निःशुल्क शिक्षादान समर्पित किया जा रहा है और गार्गी कला कौशल केन्द्रों तथा गार्गी कृत्या के माध्यम से महिला उद्यमिता के प्रोत्साहन हेतु प्रयास किया जा रहा है ।

बिहार की भूमि प्राचीन काल से ही ज्ञान, शौर्य एवं उद्यमिता की प्रतीक रही है और यह कि हम उन्हीं यशस्वी पूर्वजों के वंशज हैं जिनमें अखंड भारत के साम्राज्य को स्थापित करने की क्षमता तब थी जब न आज की भांति विकसित मार्ग थे, न सूचना तंत्र और न उन्नत प्रौद्योगिकी । यह हमारे पूर्वजों के चिंतन की उत्कृष्टता ही थी जिसने बिहार को तब अग्रणी भूमिका में स्थापित किया था । उर्जा निश्चित आज भी वही है चूंकि हम उन्हीं यशस्वी पूर्वजों के वंशज हैं, परंतु यदि हम वांछित उन्नति नहीं कर पा रहे तो आवश्यकता केवल इस चिंतन की है कि नैसर्गिक उर्जा का प्रयोग हम कहाँ कर रहे हैं । आवश्यकता लघुवादों यथा जातिवाद, संप्रदायवाद आदि संकीर्णताओं से परे उठकर राष्ट्रहित में आंशिक ही सही परंतु कुछ निस्वार्थ सकारात्मक सामाजिक योगदान समर्पित करने की है ।

इस अवसर पर निम्नांकित अवार्ड दिए गए :-

1. गार्गी लेजेंडरी अवार्ड 09
2. गार्गी ग्रैचिट्यूड अवार्ड 11
3. गार्गी अचीवर्स अवार्ड 125
4. गार्गी नोबल एडुकेटर्स अवार्ड 25
5. गार्गी अप्रीसिएशन अवार्ड 30

विशिष्ट अतिथि के रूप में पद्मश्री से अलंकृत विमल जैन जी, पद्मश्री से अलंकृत दुलारी देवी जी, पद्मश्री से अलंकृत सुधा वर्गीस जी, ब्रिगेडियर आशुतोष सिंह जी के अतिरिक्त अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे । गार्गी अध्याय की चीफ कोऑर्डिनेटर डाॅ. प्रीतिबाला ने सबका स्वागत किया । गार्गी पाठशाला के छात्रों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के समय वैदिक मंत्र के स्वस्तिवाचन से सभागार में पवित्र वातावरण बना दिया गया । बिहार के लोक नृत्य, व्यंजन के साथ-साथ बिहार की संस्कृति की झलक पूरे कार्यक्रम में दिख रही थी । गार्गी नारी शक्ति सम्मेलन का आयोजन नेहा सिंह और शायरिन इरम ने किया । गार्गी शक्ति अध्याय की ओर से बेली रोड पर एक जागरुकता मार्च भी किया गया जिसमें महिलाओं ने स्कूटी से स्लोगन के साथ नारी सशक्तिकरण की अपील थी । इस आयोजन में ऑटो चालक से लेकर संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजी महिलाएं शामिल हुईं । मंच संचालन शिक्षिका फरहा नाज़, डेंटिस्ट शबनम अखौरी तथा कमांडर दीपिका मिश्रा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन नम्रता कुमारी ने किया ।