हेपेटाइटिस का संक्रमण साबित हो सकता है खतरनाक
जन्म के समय हेपेटाइटिस का टीका करेगा संक्रमण से सुरक्षा
• प्रतिवर्ष 9 लाख लोगों की होती है हेपेटाइटिस से मृत्यु- विश्व स्वास्थ्य संगठन
भभुआ/ 7 अप्रैल- हेपेटाइटिस वायरस के कारण होने वाला संक्रमण है जो ह्रदय को प्रभावित करता है. इस रोग के बढ़ने से व्यक्ति सिरोसिस , लीवर कैंसर एवं अन्य कई बिमारियों की चपेट में आ सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रतिवर्ष विश्व भर में 9 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हेपेटाइटिस बी के कारण होती है. हेपेटाइटिस को बेहद गंभीर रोगों की सूचि में शामिल किया जाता है. हेपेटाइटिस बी का संक्रमण सबसे ज्यादा माँ से बच्चे को होता है. हेपेटाइटिस का संक्रमण खून चढ़ाने, इस्तेमाल की हुई सुई का प्रयोग, रेजर, दुसरे का टूथब्रश इस्तेमाल करने, असुरक्षित यौन संबंध, टैटू बनवाने, नाक कान छिदवाने, हेपेटाइटिस पीड़ित से उसके पार्टनर को, घर में किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ रहने आदि से होता है.
जन्म के समय हेपेटाइटिस का टीका करेगा संक्रमण से सुरक्षा:
सिविल सर्जन डॉ. मीना कुमारी ने बताया कि हेपेटाइटिस वायरस मुख्यतः पांच प्रकार के होते हैं जिसमे हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस डी एवं हेपेटाइटिस ई शामिल है. इनमे हेपेटाइटिस बी सबसे खतरनाक एवं जानलेवा साबित हो सकता है. इससे सुरक्षा जन्म के समय हेपेटाइटिस का टीका देकर की जा सकती है. थकावट का अहसास, गहरे रंग का पेशाब, पीला मल, पेट में दर्द का रहना, भूख का ख़त्म हो जाना, वजन में अप्रत्याशित कमी, त्वचा एवं आँखों का पीला पद्नेवं गंभीर स्थिति में खून की उल्टी जैसे लक्षण हेपेटाइटिस वायरस संक्रमण के होते हैं. हेपेटाइटिस ए और ई दूषित जल व दूषित भोजन के कारण होते हैं. हेपेटाइटिस बी,सी और डी संक्रमित रक्त और शरीर में मौजूद संक्रमित द्रवों से फैलते हैं.
ये हैं हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय:
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार सुरक्षित यौन संबंध बनाना, सुरक्षित रक्त चढ़वाना, टैटू के लिए नयी सुई का प्रयोग, व्यक्तिगत स्वच्छता का नियमित पालन, गर्भवती महीले में संक्रमण की पुष्टि होने होने पर तत्काल उपचार एवं स्वच्छ एवं ताजा भोजन करने की आदत अपनाकर हेपेटाइटिस के संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है.