खुश रहने का कृत्रिम अभ्यास भी मानसिक तनाव को धीरे-धीरे दूर करता है: डॉ. विप्लव
मंडल कारा में बंद कैदियों के लिए विशेष कैम्प का आयोजन कर दिया गया परामर्श
सासाराम/ 31 मार्च। रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम स्थित मंडल कारा में गुरुवार को जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई, सदर अस्पताल सासाराम द्वारा जेल में बंद कैदियों की मनोस्थिति जांच को लेकर एक विशेष कैंप लगाया गया। जिसमे नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ. विप्लव कुमार सिंह ने बंदियों का मेंटल स्टेटस एग्जामिनेशन (जाँच) किया व उपचार तकनीक बताया। विशेषज्ञ चिकित्सक ने मानसिक बीमारियों के लक्षण बताये तथा बंदियों को मनोचिकित्सकीय उपचार हेतु प्रेरित भी किया।
वरीय नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ. विप्लव कुमार सिंह ने शिविर में मानसिक रोग की बारीकीयों को बताया तथा समझाया की, छोटी-छोटी मनोवैज्ञानिक प्रबंधन व्यक्ति को मनोरोगी होने से बचाता है, इसका अपने जीवन में प्रयोग करते रहना चाहिए। इन्होंने बताया की इसी मनोवैज्ञानिक प्रबंधन के अंतर्गत हम मुस्कराहट और हंसी को भी रखते हैं, इसपर बहुत से रिसर्च हुये हैं, जो खुशी-हंसी के सकारात्मकता को जोरदार तरीके से दर्शाता है। मुस्कान जो खुशी, आनंद व हर्ष का प्रतीक है, इसलिए कहा जाता है कि मुस्कान अनगिनत अनकहे शब्दों को भी कह जाती है। यह आपके व्यक्तित्व का दर्पण भी है। मस्तिष्क-विज्ञान में कहा गया है कि जब हम मुस्कराते हैं तब केवल 2 मांसपेशियां इस्तेमाल होती हैं। इसके विपरीत गुस्सा करने में 32 मांसपेशियां कार्य करती हैं। एक मुस्कान मानसिक तनाव से मुक्ति पाने में आपकी बहुत मदद कर सकती है। जब भी हंसें, खुलकर हंसे, चाहे दिल से खुशी मिले या नहीं। कृत्रिम खुशी ही बाद में आंतरिक खुशी में परिवर्तित हो जाती है। इसलिए कृत्रिम खुशी का अभ्यास बराबर बनाये रखें। अपने चहरे पर सदैव एक सौम्य-सी मुस्कान बनाये रखने का अभ्यास आपको मानसिक तनाव से निजात दिलाने में काफी मदद करेगा।
व्यवहार में लाये परिवर्तन
डॉ विप्लव ने बंदियों को सलाह दिया कि व्यवहार में लचीलापन लायें, परिस्थितियों के साथ सामंजस्य बनाये रखने का अभ्यास आपको अतिरिक्त तनावों से बचायेगा। स्वयं को विनोद-प्रिय बनाएं तथा जीवन में हास्य रंग अपनाएं। किसी के काम में या जीवन में बेवजह दखल न देने की आदत डालें। प्रकृति ने, सृष्टिकर्ता ने आपको जैसा भी बनाया है, ठीक बनाया है, ऐसा सोचें और हर हाल में खुश रहना सीखें।
सकरात्कम सोच रखें
डॉ विप्लव ने कहा कि मानसिक तनाव से मुक्ति पाने के लिए हमेशा सकारात्मक व आशावादी बने रहने का प्रयास करते रहें। आलोचना भरी बातों से दूर रहिए। कभी-कभी अपने आपको जानने के लिए पहले अपने मन के अंदर झांकिए। दुनिया को खूबसूरत नजरों से देखें। दूसरों के प्रति मन में सकारात्मक भाव रखें। कहते हैं न कि ‘आप भले तो जग भला’ यानी आप अच्छे हैं तो दूसरे लोग भी आपको अच्छे ही लगेंगे अर्थात आपका मन अच्छा है, आपके विचार अच्छे हैं तो आपके लिए पूरा जग ही खूबसूरत है। अत: आपके लिए अपने तन की खूबसूरती के साथ-साथ मन की खूबसूरती पर भी ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब मानसिक तौर से बीमार हो ही जाये तो बिना संकोच और समय गवाये उपचार तुरन्त शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि जितनी देर करेंगे बीमारी की जटिलता भी उतनी ही गंभीरावस्था में पहुँच जायेगी। इस शिविर को जेल चिकित्सक डॉ. अंशु कृतिवास तथा इनकी मेडिकल टीम राकेश कुमार, मृदेश कुमार आदि स्टाफ ने मनोरोग विशेषज्ञ को अपना महत्वपूर्ण चिकित्सकीय सहयोग दिया।