समस्तीपुर में मरीजों का बढ़ रहा आंकड़ा, एक साल में बढ़ गए 873 से अधिक मरीज
समस्तीपुर, । 24 मार्च को पूरे विश्व में यक्ष्मा दिवस मनाया जाता है। जिले में भी यक्ष्मा (टीबी) बीमारी के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिलावासी जागरूक होने के बाद अब लोग टीबी की जांच करवाने के लिए आगे आ रहे हैं। यहीं कारण है कि मरीज भी बढ़ने शुरू हो गए है। जबकि, पिछले दो साल से टीबी मरीजों की सही से जांच नहीं हो पा रही है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2020 के मुकाबले 2021 में जिले में 873 टीबी के मरीज बढ़ गए। इसका मुख्य वजह टीबी जांच अधिक होना है। फिर भी अभी तक टीबी अस्पताल के बेहतर इलाज के लिए भर्ती वार्ड नहीं बनाया जा सका है।
जिले में टीबी मरीजों की जांच के लिए सात संस्थानों में ट्रूनेट मशीन लगाया गया है। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी ने बताया कि वर्ष 2017 में 4593 संक्रमित मरीज का इलाज हुआ था, जबकि 2021 में बढ़कर 6767 संक्रमित मरीज मिले। वर्ष 2018 में 5065, वर्ष 2019 में 6441, वर्ष 2020 में 5894 और 2022 में 23 मार्च तक 1559 संक्रमित मरीज मिले। सिविल सर्जन डा. एसके चौधरी ने कहा कि जिले में टीबी मरीजों की खोज को लेकर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। टीबी संक्रमित मरीजों को ससमय दवा उपलब्ध कराई जा रही है। इससे संक्रमित मरीज स्वस्थ हो रहे है। टीबी का इलाज कराने वाले मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत प्रत्येक महीने 500 रुपये पोषण भत्ता दिया जा रहा है। टीबी उन्मूलन के लिए निश्चय पोर्टल से काम किया जा रहा है। पोर्टल के माध्यम से मरीजों पर निगरानी रखी जा रही है
वर्ष 2017 में 4593 तो 2021 में मिले 6767 टीबी मरीज
वर्ष 2017 में जनवरी से दिसंबर तक 5809 टीबी मरीजों का निबंधित कर इलाज करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसमें लक्ष्य के अनुरूप 79.1 फीसद का निबंधन कर इलाज किया गया। निबंधित मरीज में 1980 सरकारी अस्पतालों व 2613 प्राइवेट अस्पताल के केस निबंधित हुए थे। इसमें शून्य से 14 वर्ष के 648 बच्चे मिले। इसके अलावा 2953 पुरुष व 1640 महिला मरीज शामिल है। वर्ष 2018 में जनवरी से दिसंबर तक 6780 टीबी मरीजों का निबंधित कर इलाज करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसमें लक्ष्य के अनुरूप 74.7 फीसद का निबंधन कर इलाज किया गया। निबंधित मरीज में 3168 सरकारी अस्पतालों व 1897 प्राइवेट अस्पताल के केस निबंधित हुए थे। इसमें शून्य से 14 वर्ष के 676 बच्चे मिले। इसके अलावा 3152 पुरुष व 1911 महिला मरीज शामिल है। वर्ष 2019 में जनवरी से दिसंबर तक 8600 टीबी मरीजों का निबंधित कर इलाज करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसमें लक्ष्य के अनुरूप 74.9 फीसद का निबंधन कर इलाज किया गया। निबंधित मरीज में 4669 सरकारी अस्पतालों व 1772 प्राइवेट अस्पताल के केस निबंधित हुए थे। इसमें शून्य से 14 वर्ष के 688 बच्चे मिले। इसके अलावा 4156 पुरुष व 2277 महिला मरीज शामिल है।
वर्ष 2020 में जनवरी से दिसंबर तक 8680 नए टीबी मरीजों का निबंधित कर इलाज करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसमें लक्ष्य के अनुरूप 67.9 प्रतिशत का निबंधन कर इलाज किया गया। निबंधित मरीज में 3280 सरकारी अस्पतालों व 2614 प्राइवेट अस्पताल के केस निबंधित हुए थे। इसमें शून्य से 14 वर्ष के 513 बच्चे मिले। इसके अलावा 3667 पुरुष व 2224 महिला मरीज शामिल है। वर्ष 2021 में जनवरी से दिसंबर तक 8680 नए टीबी मरीजों का निबंधित कर इलाज करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसमें लक्ष्य के अनुरूप 78 प्रतिशत का निबंधन कर इलाज किया गया। निबंधित मरीज में 3312 सरकारी अस्पतालों व 3455 प्राइवेट अस्पताल के केस निबंधित हुए थे। इसमें शून्य से 14 वर्ष के 614 बच्चे मिले। इसके अलावा 4268 पुरुष व 2492 महिला मरीज शामिल है।
निक्षय पोषण योजना के तहत मिल रहे 500 रुपये
टीबी का इलाज ले रहे हैं उनको सरकार की तरफ से निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रति माह पोषण भता दिया जाता है। पोषण योजना का लाभ लेने के लिए टीबी के मरीज को स्वास्थ्य संस्था में अपना आधार कार्ड व बैंक खाते की फोटोकापी जमा करवानी अनिवार्य है। यदि कोई मरीज प्राइवेट अस्पताल से टीबी का इलाज ले रहा है तो उसे भी सरकार द्वारा दी जाने वाली निक्षय पोषण योजना का लाभ मिलेगा।
टीबी उन्मूलन के लिए निश्चय पोर्टल से हो रहा काम
टीबी पर प्रभावी नियंत्रण और उन्मूलन के लिए सरकार ने एक नई योजना लागू की है। इसका उद्देश्य क्षय रोग से मुक्ति पाना है। नई योजना के तहत सारथी के तौर पर निश्चय पोर्टल बनाया गया है। इसके माध्यम से प्रशासनिक स्तर पर ऑनलाइन निगरानी की जा रही है। पोर्टल के माध्यम से टीबी मरीजों और उनके इलाज से संबंधित सूचनाएं और इलाज से स्वास्थ्य में सुधार की जानकारियां दर्ज हो रही है। प्रत्येक दिन पोर्टल अपडेट किया जा रहा है। इसमें सुझाव और शिकायत को लेकर भी सुविधाएं दी गई है।
टीबी के लक्षण
– दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या खांसी में बलगम या बलगम में खून आना।
– लगातार वजन कम होना।
– भूख न लगना।
– दोपहर बाद बुखार आना।
– रात को पसीना आना। टीबी से सावधानियां