चार बालू घाट बंद, 31 मार्च को शेष 36 घाटों से भी खनन पर रोक
पटना।।
आरा (भोजपुर) । बालू खनन पर ढुलमुल नीति से जिले में फिर एक बार निर्माण सेक्टर पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। जिले के बालू घाट एक-एक कर बंद होने लगे हैं। गत तीन दिनों में चार बालू घाट बंद हो गए। शेष 36 बालू घाट 31 मार्च को बंद हो जाएंगे। खनन विभाग के अनुसार सरकार के आदेशानुसार जिले के बिहटा, अंधारी, किरकिरी और अंधेरी बालू घाट को बंद कर दिया गया है।
इन कंपनियों और खनन व भूतत्व विभाग के बीच हुए समझौते की मियाद पूरी हो चुकी है। इन घाटों का प्रथम चरण में खनन की अनुमति जनवरी में मिली थी। राज्य खनन व भूतत्व विभाग ने गत जनवरी माह में तीन माह के लिए बालू कंपनियों से टेंडर दिया था। इसके तहत भोजपुर जिले में सोन नद में 43 बालू घाटों को खनन का निर्देश मिला था। जबकि जिला खनन विभाग ने कुल 53 घाटों को निलामी के लिए सूची मुख्यालय को भेजी थी। गत एक जून से एनजीटी के बालू खनन पर रोक से निर्माण कार्य पर ब्रेक लग गया था। काफी संख्या में श्रमिक, कारीगर, सटरिग ठीकेदार आदि बेरोजगार हो गए थे। आम लोगों के साथ हर प्रकार के व्यवसायियों को परेशनियों का सामना करना पड़ा था। बता दें कि भोजपुर जिले में 50 घाट सोन नद में और तीन घाट गंगा नदी में स्वीकृत हैं। जिला खनन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पहले से जारी टेंडर की मियाद पूरी हो रही है। मुख्यालय के आदेश के बाद ही बालू खनन दोबारा शुरू किया जाएगा। फिलहाल कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किया गया है।
नौ माह के बाद मिली थी निजात
जून 2021 में नदी घाटों के बंदोबस्तधारियों ने बालू घाटों का संचालन बंद कर दिया था। पूर्व में ब्राडसन कंपनी ने बालू माफिया से तंग आकर बालू खनन करने से इंकार कर दिया था। इसके बाद राज्य में बालू का संकट बढ़ गया था। सरकार बालू खनन के मुद्दे से निपटते समय पर्यावरण के सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए टिकाऊ विकास के संतुलित तरीकों को लागू करना चाहती है। अवैध बालू खनन और उसकी ढुलाई की खबरें मिलने पर उसके खिलाफ लगातार छापेमारी और धरपकड़ चलते रहा। सोन नद के दियरा क्षेत्र में वर्चस्व की जंग तेज हो गई थी। बालू के खेल में जिले के कई पुलिस अधिकारियों पर गाज गिरी। ठीक नौ माह बाद गत जनवरी माह में फिर से बाजार में बालू सस्ता हुआ था। इसके पहले एक ट्रैक्टर टाली बालू की कीमत आठ से 11 हजार रुपये तक पहुंच गई थी।