मुजफ्फरपुर में ड्रोन की निगरानी से खलबली, छापेमारी टीम पर हमला करने लगे शराब धंधेबाज
मुजफ्फरपुर। शराब के अड्डे पर छापामारी में पुलिस टीम से शराब माफिया दो-दो हाथ करने को तैयार मिलते हैं। ऐसे हमले पहले भी होते थे। शराब के अड्डे पर ड्रोन निगरानी बढ़ी है। ड्रोन को वे अपने धंधे के लिए आफत मान रहे हैं। इससे धंधेबाजों में खलबली मची हुई है। इससे बचने के लिए उनके हमले भी बढ़ते गए हैं। जिले के शहरी क्षेत्र में कई ऐसी बस्तियां है जहां अधिकांश परिवार शराब के धंधे से जुड़े हैं। जब पुलिस एक के घर पर छापेमारी करती तो पूरी बस्ती ही गोलबंद होकर हमला बोल देती है।
शराब लदे ट्रकों की आवाजाही हुई प्रभावित
शराब के अड्डे पर निगरानी करने वाला ड्रोन धंधेबाजों के लिए दहशत लेकर आता है। दिन-रात क्षेत्र में इससे निगरानी कराई जा रही है। अल्ट्रा रेज से लैस ड्रोन उसके घर के अंदर तक की तस्वीर लेकर संदेश भेजता है कि वहां कोई आपत्तिजनक सामान का निर्माण तो नहीं हो रहा है। घर के अंदर के असामान्य तापमान को पकड़कर भी यह संदेश भेजता है। ड्रोन की निगरानी से शराब लदे ट्रक की आवाजाही प्रभावित हुई है। इसका वे विरोध भी करते हैं। जब ड्रोन नीचे आता तो उसे क्षति पहुंचाने के प्रयास में ईंट व पत्थर भी फेंकते हैं। हालांकि उनका यह प्रयास सफल नहीं हो पाता।
हाल के दिनों में पुलिस पर हुए हमले
काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के पोखिरिया पीर मुहल्ले में शराब के अड्डे पर छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर धंधेबाजों ने हमला कर दिया। इस हमले में कई पुलिस कर्मी घायल हो गए। कई थाना की पुलिस के पहुंचने पर स्थिति पर काबू पाया गया। मोतीपुर थाना क्षेत्र के चौरघट्टा गांव में शराब पार्टी की सूचना पर छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर हमला किया गया। हमलावरों ने दो आरोपितों को पुलिस से छुड़ा भी लिया। पिछले महीने सकरा थाना क्षेत्र के भेरगरहां चौक पर शराब माफिया के समर्थकों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। हमलावर पुलिस गिरफ्त में लिए एक शराब माफिया को छोडऩे की मांग कर रहे थे। इसी तरह के हमले गायघाट, बोचहां, हथौड़ी व कांटी थाना क्षेत्र में भी घटी।
धंधे के चौपट होने की आशंका पर कर रहे प्रतिरोध
उत्पाद अधीक्षक उत्पाद अधीक्षक संजय राय ने बताया कि शराब के अड्डे पर लगातार छापेमारी की जा रही है। ड्रोन के माध्यम से शराब के धंधेबाजों के घर के अंदर की तस्वीर व वहां संदिग्ध वस्तुओं के निर्माण की जानकारी उनके विभाग को मिल रही है। शराब के ट्रक की आवाजाही प्रभावित हुई है। ड्रोन की लाल बत्ती देखते ही शराब माफिया ट्रक छोड़ कर भाग खड़े होते हैं। शराब के धंधेबाजों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई होने से उनमें धंधे के चौपट होने की आशंका हो गई है। ऐसे में वे प्रतिरोध पर उतर आए हैं। वे ड्रोन को क्षतिग्रस्त करने का भी प्रयास कर रहे हैं। पुलिस टीम पर हमले ज्यादा नहीं हुए हैं। छापेमारी के दौरान पुलिस टीम पर हमला रोकने व धंधेबाजों की गिरफ्तारी के लिए रणनीति बनाई गई है। उत्पाद विभाग व स्थानीय पुलिस के बीच बेहतर समन्वय से छापेमारी की जा रही है। इससे शराब के धंधे में काफी गिरावट आई है।